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कानपुर 11 दिसंबर को 23 साल में सबसे ठंडा दर्ज हुआ और पूरे यूपी में पहला स्थान रहा। ध्रुवीय हवाओं और नमी के कारण धुंध और कोहरा बेहद घना हो रहा है, दृश्यता 50 मीटर तक गिर सकती है। 13-14 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ के बाद ठंड और तेज होने की संभावना है।
यूपी का सबसे ठंडा शहर
Lucknow: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में पारा लगातार गिर रहा है। इनमें कानपुर सबसे ठंडा शहर बनकर उभरा है। दिसंबर के 11 दिनों में चौथी बार गुरुवार को कानपुर ने प्रदेश में सबसे कम तापमान दर्ज किया। इसके पहले 4, 5 और 6 दिसंबर को भी कानपुर प्रदेश का सबसे सर्द शहर था।
मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट बताती है कि गुरुवार को कानपुर पूरे प्रदेश में सबसे ठंडा रहा, जबकि इटावा और बरेली में न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। 5 और 6 दिसंबर को भी कानपुर सबसे ठंडा और इटावा दूसरे नंबर पर रहा। 4 दिसंबर को कानपुर में 5.7 डिग्री और बरेली में 6.9 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एस.एन. सुनील पांडेय ने बताया कि उत्तर दिशा से आने वाली ध्रुवीय हवाएं सर्दी बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से वातावरण में नमी बढ़ रही है। नमी बढ़ने के कारण सुबह और शाम का कोहरा और धुंध और अधिक घना हो रहा है।
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि 13-14 दिसंबर को एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके प्रभाव से वातावरण में नमी और बढ़ेगी तथा धुंध की घनता में और वृद्धि होगी। इसके अलावा राजस्थान में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे अरब सागर से नमी उत्तर दिशा की ओर बढ़ेगी। यह नमी गंगा के मैदानी इलाकों में ठंड को और तीखा बना देगी।
CSA के मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर पश्चिमी हवाओं की ताकत बनी हुई है। इन हवाओं के कारण कानपुर, उन्नाव, फतेहपुर और गंगा के अन्य मैदानी जिलों में 18 दिसंबर के बाद ठंड और तेज हो जाएगी। यह वह समय होगा जब घना कोहरा, धुंध और शीतलहर का असर सबसे अधिक महसूस किया जा सकेगा।
कानपुर में अचानक बढ़ी ठंड ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया है। सुबह और शाम बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। डॉक्टरों का कहना है कि इतनी कम तापमान में बच्चों, बुजुर्गों और दिल-फेफड़ों से संबंधित रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।