

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज को सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई है। मध्य प्रदेश के सतना निवासी युवक द्वारा दी गई धमकी से संत समाज और श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। कई सामाजिक संगठनों ने सख्त कार्रवाई की मांग की है।
संत प्रेमानंद महाराज (Img: Google)
Mathura: वृंदावन के ख्यातिप्राप्त संत प्रेमानंद महाराज को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी मिलने से पूरे संत समाज और श्रद्धालु वर्ग में उबाल आ गया है। यह धमकी मध्य प्रदेश के सतना जिले के निवासी शत्रुघ्न सिंह नामक युवक ने सोशल मीडिया पोस्ट में दी है।
गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक कमेंट में शत्रुघ्न सिंह ने लिखा, "मेरे घर की बात में बोलता तो प्रेमानंद होता या कोई और, मैं उसकी गर्दन उतार लेता।” यह टिप्पणी तेजी से वायरल हुई और कुछ ही घंटों में मामला रीवा और सतना जिलों में चर्चा का विषय बन गया।
संत समाज और श्रद्धालुओं में रोष
इस घटना को लेकर ब्रज क्षेत्र के संतों में तीखा आक्रोश है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष फलाहारी बाबा ने कहा, "प्रेमानंद बाबा की तरफ कोई आंख उठाकर भी देखेगा तो संत समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। जरूरत पड़ी तो हम अपराधियों की गोली अपनी छाती पर खाने को तैयार हैं। यह ब्रजभूमि है, जहां कंस जैसे राजा का भी अंत हुआ था।"
इसी प्रकार महंत रामदास महाराज ने कहा कि, "गाय, कन्या और साधु की रक्षा समाज की प्राथमिक जिम्मेदारी है। जो कोई भी संतों के खिलाफ इस प्रकार की भाषा या धमकी देता है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
पुलिस की प्रतिक्रिया
मामले में अभी तक पुलिस के पास कोई औपचारिक शिकायत नहीं दर्ज की गई है, लेकिन सतना पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने बताया कि “हम सोशल मीडिया पर वायरल सामग्री की निगरानी कर रहे हैं। जैसे ही शिकायत आती है, कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
वीडियो से उपजा विवाद
जानकारी के अनुसार, हाल ही में संत प्रेमानंद महाराज का एक प्रवचन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने युवाओं को आधुनिक रिश्तों और अनैतिक आचरण से बचने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, "बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड, ब्रेकअप और पैचअप की संस्कृति आज युवाओं के जीवन को बर्बाद कर रही है।" इसी प्रवचन से आहत होकर युवक ने कथित रूप से यह धमकी दी।
समाज की जिम्मेदारी और चेतावनी
संत समाज और स्थानीय संगठनों ने राज्य सरकार से मांग की है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर धार्मिक संतों की सुरक्षा को खतरे में न डाला जाए। समाज ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन हो सकता है।