

गोरखपुर :पोस्टऑफिस में पांच दिनों से काम ठप, रक्षाबंधन पर बहनों की बढ़ी चिंता, पेंशनधारक बेहाल
ग्रामीण इलाकों में उपेक्षा का शिकार हो रही पोस्ट सेवाएं, पढिए पूरी खबर
भारतीय डाक (Img: Google)
Gorakhpur: गोरखपुर जनपद सहित खजनी व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले पांच दिनों से पोस्टऑफिस की सेवाएं पूरी तरह ठप पड़ी हैं। अपग्रेडिंग और तकनीकी खामियों के नाम पर डाक विभाग का कामकाज रुका हुआ है, जिससे आम जनता खासा परेशान है। रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व के ठीक पहले बहनों की चिंताएं और पेंशनधारकों की परेशानियां चरम पर हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रक्षाबंधन पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। ऐसे में गांवों की सैकड़ों बहनें राखी, मिठाई और शुभकामना पत्र भेजने के लिए पोस्टऑफिस का रुख कर रही थीं, लेकिन वहां ताले लटके हैं या सिस्टम डाउन का बोर्ड लगा है। खजनी क्षेत्र की सांध्य देवी, रीना देवी, पुष्पा देवी जैसे कई लोगों ने बताया कि वह तीन-चार बार आ चुकी हैं, लेकिन उन्हें हर बार निराश लौटना पड़ा। बहनों का कहना है कि रक्षाबंधन का पर्व भाई के बिना अधूरा है और जब समय पर राखी ही नहीं पहुंच पाएगी तो सारे जज्बात धरे के धरे रह जाएंगे।
पेंशनधारकों को हो रही परेशानी
वहीं पेंशनधारक भी रोज पोस्टऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। रामपाल गुप्ता, गिरजा शंकर वर्मा, अशोक यादव, राहुल, सदानंद, अरुण कुमार जैसे सैकड़ों पेंशनभोगी पोस्टऑफिस के चबूतरे पर घंटों इंतजार करने के बाद मायूस होकर लौट रहे हैं। बुजुर्गों का कहना है कि इस उमर में बार-बार आना-जाना आसान नहीं है, फिर भी मजबूरी में धूप-बारिश झेलकर आना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पोस्ट विभाग की लापरवाही ने आम जनता को असहाय बना दिया है। न तो कोई सूचना बोर्ड लगाया गया है, न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। अफसरों से पूछो तो जवाब मिलता है, “सर्वर अपग्रेड हो रहा है, जल्दी चालू हो जाएगा।” लेकिन यह “जल्दी” कब आएगी, इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं है।
गौरतलब है कि पोस्टऑफिस गांव की जीवनरेखा है चिट्ठी, पेंशन, मनीऑर्डर, आधार अपडेट, बैंकिंग से लेकर जीवन बीमा तक की सेवाएं इससे जुड़ी हैं। ऐसे में अगर यह व्यवस्था ही कई दिनों तक ठप हो जाए तो ग्रामीण जनता की तकलीफें समझी जा सकती हैं। जनता अब मांग कर रही है कि विभाग त्वरित कार्रवाई करे और दोषी कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानी न झेलनी पड़े।