यूपी सरकार की स्कूल मर्ज पॉलिसी पर गरमाई सियासत, रायबरेली में कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश सरकार की स्कूल मर्ज पॉलिसी के खिलाफ गुरुवार को कांग्रेस ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। अब इस पॉलिसी के विरोध में रायबरेली में कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले को गलत बताते हुए आरटीई का उल्लंघन बताया।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 3 July 2025, 3:37 PM IST
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Raebareli: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों के विलय के फैसले पर सियासत गरमा गई है। अब इस पॉलिसी के विरोध में रायबरेली में कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले को गलत बताते हुए आरटीई का उल्लंघन बताया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक आज जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी की अगुवाई में जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया। कांग्रेसियों ने इस पॉलिसी को ग्रामीण बच्चों व शिक्षकों के खिलाफ बताया। एक ज्ञापन के जरिए कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल से मांग की है कि योगी सरकार का यह फैसला अविलंब वापस लिया जाए।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि स्कूलों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को दूर-दराज के गांवों में जाकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ेगी। जिससे उन्हें और उनके अभिभावकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो कांग्रेस छात्र-युवाओं और बेरोजगारों के साथ मिलकर सड़कों पर उतरने को बाध्य होगी। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि स्कूलों के बंद होने से मिड-डे मील योजना के तहत काम करने वाले कर्मचारियों और शिक्षकों पर भी बुरा असर पड़ेगा, जिससे बेरोजगारी में और इज़ाफा होगा।

वहीं एक अन्य राजनीतिक दल आजाद समाज पार्टी के बैनर तले सैकड़ो की संख्या में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय का विरोध दर्ज कराते हुए आजाद समाज पार्टी के जिला प्रभारी ने बताया कि सरकार द्वारा प्राइमरी प्राथमिक विद्यालय विलय कर ने का विरोध पार्टी के द्वारा किया जा रहा है। 50 से कम बच्चों की संख्या वाले विद्यालय को दूसरे विद्यालय में विलय करने पर बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा । जो बच्चे पास के स्कूलों में पढ़ रहे हैं उन्हें दूर दराज पढ़ाई के लिए जाना पड़ेगा जिसका विरोध हमारी पार्टी के द्वारा किया जा रहा है। जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम यह ज्ञापन सौपा गया है। जिसमे पॉलिसी को वापिस लेने की मांग की गई है।

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