गाजियाबाद कमिश्नर का आदेश: पुलिसकर्मी लोगों से ‘तुम’ या ’तू’ नहीं बोलेंगे, सिर्फ ‘आप’ कहेंगे, जानिए क्यों लिया इतना बड़ा फैसला

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव होगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 29 April 2025, 1:43 PM IST
google-preferred

गाज़ियाबाद: जिले की पुलिस अब आम नागरिकों से ‘तू’ और ‘तुम’ जैसे शब्दों में बात नहीं करेगी। पुलिस की कार्यप्रणाली में सम्मानजनक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए नए पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ ने एक नई और महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य पुलिस और जनता के बीच भरोसे का पुल बनाना और पुलिस की सार्वजनिक छवि को बेहतर बनाना है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अब पुलिसकर्मियों को नागरिकों से बात करते समय 'आप', 'जी' और अन्य आदरसूचक शब्दों का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना होगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव सिर्फ भाषा में नहीं, बल्कि पुलिस के पूरे दृष्टिकोण में बदलाव का हिस्सा है।

पुलिस स्टेशन में आने वाले हर व्यक्ति को सम्मानपूर्वक बैठने की सुविधा, साफ पानी और बच्चों के लिए चॉकलेट जैसी छोटी लेकिन संवेदनशील व्यवस्थाएं की जाएंगी। जिससे थाने को डर का नहीं सहयोग का स्थान बनाया जा सके।

एक घटना बनी बदलाव की वजह

यह निर्णय उस समय लिया गया, जब एचएमएल कॉलेज के निदेशक धीरज शर्मा के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया गया। इस घटना के बाद संबंधित थाना नंदग्राम के एसआई लेखराज, हेड कांस्टेबल रावेंद्र और सगीर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इस कार्रवाई ने स्पष्ट संकेत दिया कि पुलिस विभाग अब व्यवहार में किसी भी प्रकार की कठोरता या असम्मान को बर्दाश्त नहीं करेगा।

फोन पर भी नम्र भाषा अनिवार्य

गौड़ ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया है कि सिर्फ आमने-सामने की बातचीत ही नहीं, बल्कि टेलीफोन पर बातचीत में भी विनम्रता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा, “यह कोई औपचारिक आदेश नहीं, बल्कि सोच में बदलाव की पहल है।” उन्होंने बताया कि इससे नागरिकों में पुलिस के प्रति विश्वास और सुरक्षा की भावना मजबूत होगी।

विशेष वर्गों के लिए विशेष संवेदनशीलता

पुलिस आयुक्त ने निर्देशित किया कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांगों और बच्चों के साथ विशेष सौम्य व्यवहार किया जाए। इन वर्गों के लिए थानों में प्राथमिकता और सहूलियत के इंतजाम किए जाएंगे। महिलाओं के लिए खास निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें सूर्यास्त के बाद थाने में उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। वे महिला हेल्प डेस्क पर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती हैं, जहां महिला पुलिसकर्मी उनकी मदद करेंगी।

ड्यूटी पर मोबाइल और ईयरफोन पर पाबंदी

पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन, ईयरफोन और ब्लूटूथ डिवाइस जैसे उपकरणों के इस्तेमाल से मना किया गया है, जिससे वे अपनी जिम्मेदारी पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें। यदि किसी अधिकारी द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है, तो उसकी ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग डीसीपी के आधिकारिक नंबर पर भेजकर शिकायत की जा सकती है।

Location :