

बरेली में हुए बवाल के बाद पुलिस और प्रशासन ने शहर में शांति बनाए रखने के लिए अलर्ट घोषित किया है। जुमे की नमाज के बाद इंटरनेट सेवा शनिवार तक बंद कर दी गई है और 8500 जवान तैनात किए गए हैं। ड्रोन के जरिए मकानों की छतों की निगरानी की जा रही है। अब आगे क्या होगा?
बरेली बना छावनी
Bareilly: बरेली में बीते शुक्रवार को हुए बवाल के बाद सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया। शनिवार तक इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, पुलिस और प्रशासन ने शहर में हाई अलर्ट भी जारी कर दिया है, ताकि किसी भी प्रकार के अप्रिय घटनाक्रम से बचा जा सके।
सुरक्षा की दृष्टि से शहर में पुलिस, पीएसी और आरआरएफ के 8500 जवान तैनात किए गए हैं। इनमें से करीब छह हजार जवान बरेली शहर में हैं। सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए ड्रोन से छतों की निगरानी की जा रही है। पुलिस ने ड्रोन निगरानी की टीमों की संख्या आठ कर दी है और ये टीमें संवेदनशील इलाकों में सुबह से ही छतों की तलाशी ले रही हैं।
बरेली बना छावनी
पुलिस प्रशासन ने शहर को चार सुपर जोन और चार स्पेशल जोन में बांट दिया है। हर जोन में 225 मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी लगाई गई है ताकि सभी क्षेत्रों में शांति बनाए रखी जा सके। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि किसी भी संवेदनशील इलाके में तनाव न फैले और प्रशासन स्थिति पर पूरी तरह से काबू पा सके।
बीते शुक्रवार को हुए बवाल के बाद पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को लेकर विरोध भी सामने आया है। आईएमसी कार्यकर्ता और जेल भेजे गए आरोपियों के समर्थक माहौल को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि माहौल शांतिपूर्ण बना रहे और किसी भी प्रकार की असहमति को न बढ़ने दिया जाए।
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इंटरनेट सेवा बहाल होते ही खुफिया जानकारी में यह संकेत मिले हैं कि विरोध और असहमति के कारण माहौल फिर से खराब हो सकता है। प्रशासन ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के प्रयास किए हैं। इसके बावजूद, पुलिस-प्रशासन ने किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को और बढ़ा लिया है।
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बरेली में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा की तैयारियों को और अधिक कड़ा कर दिया है। प्रशासन ने बृहस्पतिवार को दशहरा की छुट्टी के बावजूद आंतरिक तैयारी पूरी की और सुनिश्चित किया कि पुलिस और प्रशासन हर हालत में स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखें। इसके अलावा, हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं ताकि नागरिक किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद ले सकें।