

बरेली में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने डॉ. नफीस खां, उनके बेटे फरमान और छह अन्य आरोपियों को जेल भेज दिया। पुलिस ने अब तक कुल 81 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो मुठभेड़ के बाद पकड़े गए। जांच में नमाज का समय साजिशन बदलने की पुष्टि हुई।
बरेली बवाल केस
Bareilly: बरेली में 26 सितंबर को हुए उपद्रव के मामले में पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। डॉ. नफीस खां, उनके बेटे फरमान और छह अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बवाल के सिलसिले में अब तक 81 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बुधवार को एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी।
गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों में से दो को मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया है। ये दोनों आरोपी शाहजहांपुर जनपद के निवासी हैं। पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान दोनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन टीम की मुस्तैदी से दबोच लिया गया।
बरेली बवाल केस
बवाल के बाद पुलिस ने अलग-अलग थानों में 10 मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें 125 नामजद और करीब 3,000 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस लगातार वीडियो फुटेज, सोशल मीडिया पोस्ट और सीसीटीवी रिकॉर्डिंग के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि 26 सितंबर को नमाज का वक्त साजिशन बदला गया था। आमतौर पर बरेली में जुमे की नमाज 12:30 बजे से 3:45 बजे तक होती है, लेकिन उस दिन मौलाना तौकीर रजा खान के एक वीडियो के जरिये यह मैसेज फैलाया गया कि नमाज 1 बजे होगी। इससे भीड़ एक जगह पर जुट सके, यही मकसद था।
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हिंसा के केंद्र में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने दर्ज सात मुकदमों में मौलाना को नामजद किया है। 26 सितंबर को उन्होंने "आई लव मोहम्मद" के समर्थन में एक सभा बुलाई थी, लेकिन खुद मौके पर मौजूद नहीं रहे, जिससे भीड़ उग्र हो गई।
पुलिस के अनुसार, उग्र भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़, वाहनों को नुकसान पहुंचाया और पुलिस पर पथराव किया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस और बल प्रयोग करना पड़ा। इस हिंसा में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें कुछ की हालत गंभीर है।
बवाल की गंभीरता को देखते हुए DIG रेंज अजय कुमार साहनी के निर्देश पर एसएसपी अनुराग आर्य ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। SIT का नेतृत्व एसपी सिटी मानुष पारीक कर रहे हैं। टीम में 3 सीओ और 14 अनुभवी इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं, जो सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।
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अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तीन अन्य प्रदेशों के निवासी हैं। इससे हिंसा में बाहरी तत्वों की भूमिका की आशंका और मजबूत हो गई है। पुलिस इनकी कॉल डिटेल, सोशल मीडिया कनेक्शन और यात्रा इतिहास खंगाल रही है।
घटना के बाद से बरेली में धारा 144 लागू कर दी गई है। एसएसपी ने साफ किया कि इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा और किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर NSA जैसी सख्त धाराओं में कार्यवाही होगी।