

गुजरात बीजेपी ने जगदीश विश्वकर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बड़ा सियासी दांव चला है। निकोल से विधायक और राज्य मंत्री विश्वकर्मा अब आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। उनके चयन से कांग्रेस के ओबीसी समीकरणों पर असर पड़ सकता है।
जगदीश विश्वकर्मा
Gandhinagar: भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में संगठन को और मज़बूत करने के लिए बड़ा बदलाव किया है। निकोल से विधायक और मंत्री जगदीश विश्वकर्मा (पांचाल) को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। उनका चयन निर्विरोध हुआ, क्योंकि किसी अन्य नेता ने नामांकन दाखिल नहीं किया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं और सोशल मीडिया पर बधाइयों का सिलसिला जारी है।
जगदीश विश्वकर्मा और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की राजनीतिक साझेदारी पहले भी सफल रही है। जब विश्वकर्मा अहमदाबाद के बीजेपी अध्यक्ष थे, उस समय भूपेंद्र पटेल स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। दोनों ने मिलकर नगर निगम चुनाव में पार्टी को बड़ी सफलता दिलाई थी। अब एक बार फिर यह जोड़ी राज्य स्तर पर पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने की रणनीति पर काम करेगी।
जगदीश विश्वकर्मा
जगदीश विश्वकर्मा का जन्म 12 अगस्त 1973 को अहमदाबाद में हुआ। वे 2012 और 2017 में निकोल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। वर्तमान में वे राज्य मंत्री हैं और MSME, कुटीर उद्योग, सहकारिता, नागरिक उड्डयन जैसे अहम विभागों का जिम्मा संभाल रहे हैं। राजनीति के अलावा वे कपड़ा मशीनरी, रियल एस्टेट और इंफ्रा मार्केटिंग से भी जुड़े हुए हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता में मार्केटिंग में बीए और एमबीए शामिल है। उन्हें तैराकी, बैडमिंटन और समाज सेवा में रुचि है।
चुनाव के समय दिए गए हलफनामे के अनुसार, जगदीश विश्वकर्मा ने 29 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की थी, जिससे वे अहमदाबाद के सबसे अमीर विधायकों में शामिल हैं। उनका कारोबारी अनुभव और वित्तीय स्थिति उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में प्रस्तुत करती है।
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गुजरात में कांग्रेस ने हाल ही में अमित चावड़ा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। जवाब में बीजेपी ने भी ओबीसी नेता को अध्यक्ष बनाकर राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश की है। इससे यह साफ है कि गुजरात की राजनीति में ओबीसी वोट बैंक को लेकर सियासी टकराव और तेज होगा।
बीजेपी अब आगामी विधानसभा चुनाव जगदीश विश्वकर्मा के नेतृत्व में लड़ेगी। पार्टी को उम्मीद है कि विश्वकर्मा का संगठनात्मक अनुभव और भूपेंद्र पटेल के साथ तालमेल मिलकर पार्टी को फिर से सत्ता में लाने में मदद करेंगे। उनके नेतृत्व में पार्टी युवा, व्यापारी और ओबीसी मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश करेगी।
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उनके निर्विरोध चुनाव के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं जैसे बाबू जमनदास और सुरेश पटेल ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। कार्यकर्ताओं में उत्साह है और सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों की बाढ़ आ गई है। यह बीजेपी के अंदर एकता और सामंजस्य का भी संकेत है, जो चुनावी माहौल में बेहद अहम माना जा रहा है।
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