

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी लोगों को अपने मुल्क वापस भेजने का फैसला लिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
सना
मेरठ: सरधना के घोसियान मोहल्ला निवासी सना ने अपने बच्चों को अकेले पाकिस्तान भेजने से साफ इंकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के तहत सना को भारत में रहने और उसके बच्चों को पाकिस्तान भेजने की अनुमति दी गई थी, लेकिन महिला ने नाराजगी जताते हुए इस फैसले पर आपत्ति दर्ज कराई। फिलहाल सना अपने दोनों बच्चों के साथ सरधना स्थित मायके लौट आई हैं। विदेश मंत्रालय के अगले आदेश तक सना और उसके बच्चे भारत में ही रहेंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, घोसियान मोहल्ला निवासी पीरूद्दीन की बेटी सना की शादी वर्ष 2020 में पाकिस्तान के कराची निवासी एक युवक से हुई थी। सना का तीन साल का बेटा और छह महीने की बेटी है। सना 26 अप्रैल को अपने मायके में एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने के लिए 40 दिन के वीजा पर दोनों बच्चों के साथ भारत आई थीं।
बच्चों को पाकिस्तान भेजने की तैयारी
इसी बीच 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया। आदेश जारी हुआ कि पाकिस्तान से दो माह या उससे कम समय के वीजा पर आए लोगों को तत्काल वापस भेजा जाएगा। इसी के तहत सुरक्षा एजेंसियों ने सना और उसके बच्चों को पाकिस्तान भेजने की तैयारी की और शुक्रवार को उन्हें अमृतसर स्थित वाघा बॉर्डर पर भेजा गया था।
विदेश मंत्रालय के निर्णय ने किया परेशान
विदेश मंत्रालय ने निर्णय लिया था कि सना भारत में रहेगी, जबकि उसके दोनों बच्चों को पाकिस्तान भेजा जाएगा। इस पर सना ने कड़ी आपत्ति जताते हुए अधिकारियों से आग्रह किया कि बच्चों को उसके बिना पाकिस्तान न भेजा जाए। सना ने कहा, "मैं भी पाकिस्तान से अपने बच्चों के साथ आई हूं। यदि भेजना है तो मुझे भी बच्चों के साथ भेजा जाए, वरना मैं बच्चों के साथ यहीं भारत में रहना पसंद करूंगी।"
पुनर्विचार का आश्वासन दिया
अधिकारियों ने सना की मांग पर विदेश मंत्रालय को अवगत कराया। मंत्रालय ने फिलहाल निर्णय पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया है। इसके बाद सना अपने दोनों बच्चों के साथ वापस सरधना लौट आई। शनिवार को वह अपने मायके में हुए शादी समारोह में बच्चों संग उपस्थित भी रही।
"जहां रहूंगी, वहीं रहेंगे बच्चे"
अमृतसर में वाघा बॉर्डर पर सना ने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि उसका वीजा अवधि अभी भी 32 दिन शेष है। उसने निवेदन किया कि या तो उसे भी बच्चों के साथ पाकिस्तान भेजा जाए या फिर बच्चों को भारत में उसके साथ रहने दिया जाए। सना का स्पष्ट कहना था, "मैं बच्चों को अपने बिना पाकिस्तान नहीं भेज सकती। मैं जहां रहूंगी, बच्चे भी वहीं रहेंगे।"