

उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने UPCOS (उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम) के गठन के जरिए यह साफ कर दिया है कि अब कर्मचारियों को किसी एजेंसी के रहमोकरम पर नहीं रहना होगा।
आउटसोर्सिंग कर्मचारी
Lucknow: उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। यूपी सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। ऐसे में यदि आप भी बिचोलिए से परेशान हो चुके हैं, अब आपको बड़ी राहत मिलने वाली है। क्योकि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने UPCOS (उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम) के गठन के जरिए यह साफ कर दिया है कि अब कर्मचारियों को किसी एजेंसी के रहमोकरम पर नहीं रहना होगा। उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला सिर्फ एक प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए ‘नौकरी की असुरक्षा से स्थायित्व की ओर’ बढ़ता कदम है।
हर महीने 5 तारीख तक वेतन सीधा खाते में कोई एजेंसी की कटौती नहीं। ईपीएफ, ईएसआई, सामाजिक सुरक्षा जैसी सभी सुविधाएं अब हर कर्मचारी को मिलेंगी और समय से। अनुभव का वेटेज, यानी पहले से काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरी अब सुरक्षित। स्थिरता और नियमबद्ध कार्यप्रणाली जिससे कर्मचारी बार-बार ठेके पर नौकरी जाने के डर से बाहर आएंगे।
‘नौकरी की असुरक्षा से स्थायित्व की ओर’ (सोर्स इंटरनेट)
अब तक आउटसोर्स कर्मचारी खुद को "अस्थायी" समझते थे — हर दिन यह डर कि पता नहीं कब नौकरी छूट जाए। लेकिन UPCOS के जरिए सरकार उन्हें ‘सम्मानजनक, संरक्षित और भरोसेमंद कार्यस्थल’ देने जा रही है।
कर्मचारियों को मिलेगा स्थायित्व और सम्मान
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अब न अलग-अलग एजेंसियों की मनमानी चलेगी, न कर्मचारियों के हक मारे जाएंगे। राज्य स्तर पर गठित UPCOS हर एजेंसी पर निगरानी रखेगा और कानून का उल्लंघन करने पर सीधे कार्रवाई करेगा।
यह सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि कर्मचारियों को ठेके की असुरक्षा से बाहर लाकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा, सम्मान और स्थायित्व देने की नीति है।योगी सरकार ने आउटसोर्सिंग को एक ‘दबाव’ नहीं, बल्कि ‘सम्मानित रोज़गार’ बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है।