

शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में शानदार शतक लगाकर भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने सुनील गावस्कर का एक अहम रिकॉर्ड तोड़ा और भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया।
शुभमन गिल फोटो (सोर्स-गूगल)
New Delhi: शुभमन गिल ने इंग्लैंड में कप्तान के रूप में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय क्रिकेट को गर्वित किया। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में गिल ने 250 रन बनाए और क्रीस पर डटे हुए है। उन्होंने 1979 में ओवल में सुनील गावस्कर के 221 रन को पीछे छोड़ दिया। जो न केवल उनकी बल्लेबाजी क्षमता को साबित करता है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण भी है।
इंग्लैंड में दो टेस्ट सीरीज में शतक
गिल का यह शतक उनके कप्तान के रूप में लगातार दूसरा था। इंग्लैंड में अपनी पहली दो टेस्ट सीरीज में शतक लगाने के मामले में उन्होंने सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। गावस्कर ने अपने करियर में इंग्लैंड में बतौर कप्तान पहले दो टेस्ट मैचों में शतक नहीं लगाया था, जबकि गिल ने यह कमाल किया। इस अद्वितीय प्रदर्शन ने गिल को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक खास स्थान दिलाया है।
तीसरे भारतीय कप्तान बने गिल
गिल ने इस शतक के साथ ही एक और उपलब्धि हासिल की। वह इंग्लैंड में लगातार दो टेस्ट मैचों में शतक बनाने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं। इससे पहले, यह उपलब्धि सिर्फ विजय हजारे और मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम थी। इस प्रकार, गिल ने अपनी कप्तानी में उन दिग्गजों के नक्शे कदम पर चलते हुए इतिहास रचा है।
यह भी गौरतलब है कि गिल इंग्लैंड में दो बार 150 या उससे अधिक रन बनाने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बनने का भी गौरव प्राप्त किया है। इससे पहले यह उपलब्धि मंसूर अली खान पटौदी और सचिन तेंदुलकर के नाम थी। इन आंकड़ों ने गिल की बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
शुभमन गिल का शानदार प्रदर्शन
शुभमन गिल के इस शानदार प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट को एक सकारात्मक दिशा में अग्रसर किया है। उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन और मजबूत नेतृत्व के कारण यह उम्मीद जताई जा रही है कि वह भविष्य में भारतीय क्रिकेट के एक और महान कप्तान और बल्लेबाज बन सकते हैं।
गिल की बल्लेबाजी शैली और मानसिक दृढ़ता के साथ-साथ उनका कप्तान के रूप में प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। उनके इस खेल से यह स्पष्ट होता है कि वह न केवल अपनी टीम को जीत दिला सकते हैं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी वह क्रिकेट के हर प्रारूप में शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता रखते हैं।