

सोनभद्र के जुगैल थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक पिकअप वाहन से 9 गोवंश को वध हेतु ले जाते हुए बरामद किया है। इस दौरान चार पशु तस्करों को मौके पर गिरफ्तार किया गया, जबकि दो आरोपी फरार हो गए। कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत हुई। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में झारखंड निवासी समशेर अंसारी का नाम सामने आया है, जो इस तस्करी गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। पुलिस ने घटना स्थल से एक पिकअप, दो मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन और नकदी भी बरामद की है। फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
Sonbhadra: जिले की जुगैल पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 गोवंश को वध हेतु ले जाने से बचा लिया। पुलिस ने इस मामले में 4 पशु तस्करों को मौके से गिरफ्तार किया है, जबकि 2 अन्य तस्कर मौके से फरार हो गए। यह कार्रवाई गोवध/पशु क्रूरता निवारण अभियान के अंतर्गत पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के निर्देशन में की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आज जुगैल पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली कि सेमिया छितिकपुरवा टोला के पास एक पिकअप वाहन में गोवंश को लादकर अवैध रूप से ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल घेराबंदी करते हुए एक महिंद्रा पिकअप (UP 87 T 0262) को रोका, जिसमें 9 गोवंश मिले। साथ ही मौके से चार आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान फुलचन्द कुमार (27 वर्ष), जय प्रकाश यादव (20 वर्ष), तपेश्वर (40 वर्ष), और विनोद पासवान (38 वर्ष) के रूप में हुई है। पूछताछ में इन तस्करों ने बताया कि वे झारखंड के गढ़वा जिले के समशेर अंसारी के लिए काम कर रहे थे, जो इस तस्करी का मुख्य सरगना है और बड़े स्तर पर गोवंश को वध के लिए सप्लाई करता है।
पुलिस के अनुसार, दो तस्कर मौके से भागने में कामयाब हो गए। फरार तस्करों की पहचान शिवचन्द्र यादव और अभय उर्फ बाबा वैश्वार के रूप में की गई है, जिनकी मोटरसाइकिल (Honda UP 64 AW 0432 और Hero Splendor UP 64 AW 7549) मौके पर छोड़ दी गई। पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
पुलिस ने इस मामले में 9 गोवंश एक पिकअप वाहन, दो मोटरसाइकिल, तीन मोबाइल फोन और ₹3,470 नकद जब्त किए हैं। सभी जब्ती की गई वस्तुएं इस आपराधिक गतिविधि से संबंधित हैं।
यह पूरी कार्रवाई अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सोनभद्र के मार्गदर्शन और क्षेत्राधिकारी ओबरा के नेतृत्व में सफलतापूर्वक की गई। थाना कोन में इस मामले को लेकर भारतीय दंड संहिता, गो-वध निवारण अधिनियम और पशु क्रूरता अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इस अभियान की सफलता से स्पष्ट है कि पुलिस प्रशासन अवैध पशु तस्करी के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयों की उम्मीद की जा सकती है।