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भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सोनौली इमिग्रेशन चेकपोस्ट पर पुलिस और आव्रजन विभाग की संयुक्त टीम ने एक नेपाली महिला को फर्जी भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया है।
नेपाली महिला सोनौली बॉर्डर पर गिरफ्तार
Maharajganj : भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सोनौली इमिग्रेशन चेकपोस्ट पर पुलिस और आव्रजन विभाग की संयुक्त टीम ने एक नेपाली महिला को फर्जी भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया है। यह महिला हांगकांग में घरेलू कार्य करने की तैयारी में थी, लेकिन नेपाल सरकार द्वारा नेपाली महिलाओं पर लगे प्रतिबंध को चकमा देने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता को मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार महिला की पहचान शर्मीला लामा (पुत्री कवांग दोर्जे लामा) के रूप में हुई है, जो नेपाल के कावेरेपालनचौक जिले के नया गांव देउपुर की निवासी है।
27 दिसंबर को नियमित सुरक्षा जांच के दौरान उसके पास से सोनीया श्रेष्ठा के नाम पर जारी भारतीय पासपोर्ट (नंबर T6925385) और आधार कार्ड (नंबर 8624-5791-6790) बरामद हुए। साथ ही नेपाली नागरिकता प्रमाणपत्र की स्वप्रमाणित कॉपी भी मिली, जिससे उसकी असली पहचान उजागर हो गई।पुलिस जांच में पता चला कि नेपाल सरकार ने नेपाली महिलाओं को हांगकांग में घरेलू नौकरानी के रूप में काम करने पर लंबे समय से प्रतिबंध लगा रखा है।
हांगकांग ने भी 2005 से नेपाली नागरिकों को घरेलू कार्य के लिए वीजा जारी करना बंद कर रखा है। इस प्रतिबंध के कारण कई नेपाली महिलाएं फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाकर हांगकांग जाने की कोशिश करती हैं। शर्मीला लामा ने भी अपने संपर्कों के जरिए नाम बदलकर ये फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे, ताकि भारतीय नागरिक बनकर हांगकांग पहुंच सके।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक महराजगंज सोमेंद्र मीणा (आईपीएस) के निर्देशन में चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा थी। अपर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ की अगुवाई और क्षेत्राधिकारी नौतनवा अंकुर गौतम के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार मिश्र की टीम ने इमिग्रेशन अधिकारियों के साथ मिलकर महिला को हिरासत में लिया। गिरफ्तारी टीम में ये रहे मौजूद इंस्पेक्टर दिलीप कुमार, महिला कांस्टेबल प्रेमशीला चौहान, सरोज सिंह और आव्रजन अधिकारी कृष्णानंद सिंह शामिल थे।
सोनौली पुलिस ने पूछताछ के बाद महिला को सोनौली थाना लाया गया, जहां उसके खिलाफ मुकदमा संख्या 125/2025 दर्ज किया गया। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(2) (धोखाधड़ी), 336(3) (फर्जी दस्तावेज बनाना), 338 और 340(2) (फर्जी दस्तावेज का उपयोग) के तहत केस दर्ज कर उसे न्यायलय भेज दिया।