“मेरा बेटा चोर नहीं था”: न्याय की आस में बरेली से मैनपुरी पहुंचा पीड़ित परिवार, पढ़ें पूरी खबर

बरेली से मैनपुरी पहुंचे रमेश चंद्र ने अपने बेटे की मौत को लेकर गांववालों पर हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चोर समझकर पीटा गया और बाद में ट्रेन में डालकर हादसा दिखाने की कोशिश हुई। परिवार ने एसपी से न्याय की गुहार लगाई है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 20 September 2025, 12:27 PM IST
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Mainpuri: बरेली जिले के थाना हाफिजगंज अंतर्गत मोहल्ला इंद्रपुरी निवासी रमेश चंद्र का परिवार आज न्याय की गुहार लिए मैनपुरी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा। रमेश चंद्र ने पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र सौंपते हुए आरोप लगाया कि उनके पुत्र वीरू उर्फ बृजलाल की नगला जुलाह, मैनपुरी में चोर समझकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। परिवार का आरोप है कि पूरे मामले को हादसा बताकर दबाने की कोशिश की गई।

‘चोर’ कहकर की पिटाई

रमेश चंद्र ने अपने शिकायती पत्र में बताया कि 31 अगस्त 2025, की रात लगभग 8 बजे, उनका बेटा वीरू मैनपुरी के कोतवाली थाना क्षेत्र के नगला जुलाह गांव में किसी कार्य से गया हुआ था। तभी कुछ स्थानीय लोगों ने उसे चोर समझकर बेरहमी से पीट दिया। परिवार का आरोप है कि पीटाई इतनी बुरी थी कि वीरू की हालत बेहद नाजुक हो गई और वह पूरी रात वहीं पड़ा रहा, किसी ने उसे अस्पताल पहुंचाने की जहमत तक नहीं उठाई।

न्याय की आस में बरेली से मैनपुरी पहुंचा पीड़ित परिवार

हाथरस में इलाज के दौरान मौत

परिवार के अनुसार, वीरू को हाथरस रेलवे स्टेशन पर गंभीर हालत में जीआरपी पुलिस ने पाया। उन्होंने उसे तत्काल जिला अस्पताल हाथरस में भर्ती कराया, लेकिन वहां इलाज के दौरान वीरू की मौत हो गई। इस घटना के बाद जीआरपी ने पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई की तथा अभियोग दर्ज किया। लेकिन परिवार का कहना है कि अब तक किसी असली दोषी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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क्या ये योजनाबद्ध हत्या थी?

रमेश चंद्र और उनके परिवार का आरोप है कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी, जिसमें गांव के कुछ लोगों ने जानबूझकर उनके बेटे को चोर बताकर पीटा और फिर मामला दबाने के लिए उसे ट्रेन में डाल दिया। परिजनों ने यह भी सवाल उठाया कि यदि वह सच में चोर था, तो पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई? क्यों नहीं उसे मौके पर ही अस्पताल पहुंचाया गया?

पुलिस अधीक्षक से न्याय की अपील

रमेश चंद्र ने एसपी मैनपुरी को दिए गए पत्र में मांग की है कि सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो। घटनास्थल की दोबारा जांच हो। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की निष्पक्ष जांच कराई जाए और इस मामले की सीबीसीआईडी या स्वतंत्र एजेंसी से जांच हो।

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स्थानीय पुलिस की चुप्पी पर भी उठे सवाल

परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने अब तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की है। मैनपुरी पुलिस द्वारा इस मामले में त्वरित कार्रवाई न किए जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रमेश चंद्र ने कहा, “अगर एक गरीब के बेटे के साथ ऐसा हो सकता है, तो कल किसी और के साथ भी होगा। हम इस व्यवस्था से न्याय की उम्मीद लेकर मैनपुरी आए हैं।

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