

फतेहपुर के हरिओम पासवान की रायबरेली में भीड़ ने चोर कहकर पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने उसे बचाने की बजाय भीड़ के हवाले किया। अंतिम समय में हरिओम ने राहुल गांधी का नाम लिया, लेकिन भीड़ ने उसे सुनने से मना कर हत्या कर दी।
फतेहपुर में सनसनीखेज मामला
Fatehpur: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के तुरबाली का पुरवा मोहल्ले निवासी हरिओम पासवान (40 वर्ष) की रायबरेली में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना के अनुसार, हरिओम को भीड़ ने चोर बताकर बेरहमी से मारा गया। घटना स्थल पर मौजूद 112 पुलिसकर्मियों ने उसे भीड़ के हवाले कर दिया, जिससे उसकी जान नहीं बच पाई। मृतक ने अपने अंतिम समय में राहुल गांधी का नाम लिया, लेकिन भीड़ ने उसे सुनने से इनकार करते हुए कहा कि यहां “राहुल गांधी नहीं, बाबा चलते हैं” और फिर उसकी हत्या कर दी गई।
हरिओम की हत्या के बाद शुक्रवार को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष महेश द्विवेदी एवं शहर अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ गुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं की टीम पीड़ित परिवार से मिलने और आर्थिक सहायता देने रायबरेली पहुंची। लेकिन पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को मृतक के घर से लगभग 100 मीटर पहले रोक दिया। पुलिस के इस कदम पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि प्रशासन शांति और सहायता के प्रयास को रोक रहा है।
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कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेश द्विवेदी ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें जबरन रोक दिया जबकि उनका उद्देश्य शांति बनाए रखना और पीड़ित परिवार की मदद करना था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सही कार्रवाई न कर हरिओम की जान बचाने में विफलता दिखाई। वहीं, शहर अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ गुड्डा ने भी पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि पुलिस हरिओम को थाने ले जाती, तो उसकी जान बच सकती थी।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स गूगल)
इस मौके पर कांग्रेस के कई प्रमुख कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। जिनमें सुधाकर अवस्थी, शेख एजाज अहमद, कलीम उल्ला, माधुरी रावत, देवी प्रकाश दुबे, शिवाकांत तिवारी, आदित श्रीवास्तव, साहब अली, सईद चच्चा, निज़ामुद्दीन, मोहसिन खान, नजमी कमर, अरुण जायसवाल, नौशाद अहमद, उस्मान बेग, ओम प्रकाश कोरी, चौधरी मोईन राईन, डॉ. अब्दुल हमीद और नसीम अंसारी शामिल थे।
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रायबरेली में हुई भीड़ द्वारा हत्या ने समाज में बड़े स्तर पर चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। कांग्रेस नेताओं द्वारा पीड़ित परिवार से मिलने की कोशिश और प्रशासन द्वारा उनकी रोकथाम ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। इस मामले में उचित जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
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