

आगरा में एत्माद्दौला पुलिस ने एक लुटेरी दुल्हन और शादी कराने वाले वकील को गिरफ्तार किया है। दोनों पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित था। दुल्हन ने शादी के बाद दिव्यांग पति और उसके परिवार को नशीला दूध पिलाकर नकदी और गहने लेकर फरार हो गई थी।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Agra News: आगरा के एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के सीतानगर निवासी कुसुमा देवी के पुत्र रिंकू, जो दिव्यांग हैं और ठेले पर पेटीज बेचकर जीवन यापन करते हैं, उनके साथ एक शातिर साजिश के तहत धोखाधड़ी हुई। 5 मई को रिंकू की शादी एक महिला अंतिमा से कराई गई। यह शादी अधिवक्ता जयप्रकाश ने कराई थी, जिसने बदले में 1.30 लाख रुपये लिए थे। शादी समारोह में लड़की पक्ष से आए बुआ, फूफा और मामा भी मौजूद थे, जो बाद में फर्जी निकले।
सुहागरात की रात दिया धोखा
शादी की रात को ही अंतिमा ने पूरे परिवार को दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया, जिससे सब बेहोश हो गए। रात के अंधेरे में वह घर से नकदी और गहने लेकर फरार हो गई। इस घटना के बाद जब परिवार को होश आया तो पुलिस को सूचना दी गई। सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांच शुरू हुई और धीरे-धीरे साजिश की परतें खुलने लगी।
एक-एक कर पकड़े गए सभी आरोपी
पुलिस ने पहले बुआ, फूफा और मामा को गिरफ्तार कर जेल भेजा। अब रविवार को मुख्य आरोपी लुटेरी दुल्हन अंतिमा उर्फ नीलू और अधिवक्ता जयप्रकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पर पहले से ही 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
पूछताछ में हुए खुलासे
पूछताछ में दुल्हन ने बताया कि उसका असली नाम नीलू है और वह इरादत नगर की रहने वाली है। उसने बताया कि उसका पहला पति मर चुका है और उसके तीन बच्चे (दो बेटियां और एक बेटा) हैं।
50 हजार रुपये देने हुआ शादी का सौदा
नीलू ने आगे खुलासा किया कि वह अब अमित नाम के युवक से शादी करना चाहती है। उसे अधिवक्ता जयप्रकाश ने 50 हजार रुपये देने का लालच दिया था कि वह एक दिव्यांग से शादी करे और फिर घर लूटकर भाग जाए। शादी के बाद अधिवक्ता ने उसे सिर्फ 12 हजार रुपये दिए थे। उसने वही किया, जैसा जयप्रकाश ने बताया था।
पुलिस का बयान
एसीपी पीके राय ने बताया कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी, जिसमें अधिवक्ता और महिला ने मिलकर गरीब दिव्यांग युवक को निशाना बनाया। फिलहाल दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और पूरे मामले की विस्तृत जांच जारी है।