

मेरठ में रामकथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य के विवादित बयानों ने सियासी और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने इस्लाम, शिक्षा व्यवस्था और पश्चिमी यूपी को लेकर तीखे शब्द कहे। राजनीतिक दलों ने बयान की निंदा करते हुए समाज में विभाजन फैलाने का आरोप लगाया।
रामभद्राचार्य के बयानों से गर्माया माहौल
Meerut: उत्तर प्रदेश के मेरठ में चल रही रामकथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बयानों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। धर्म और राजनीति की सीमा रेखा को छूते उनके भाषणों में उन्होंने हिंदू धर्म की तुलना इस्लाम से करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि "हिंदुओं में बेटियों को देवी कहा जाता है, जबकि अन्य जगह उन्हें केवल 'बेबी' या 'बीबी' कहा जाता है।" इसके साथ ही उन्होंने इस्लाम धर्म में महिलाओं की स्थिति को लेकर भी तीखी आलोचना की और 'यूज एंड थ्रो' संस्कृति का आरोप लगाया।
रामभद्राचार्य ने कहा, “किसी धर्म में महिला को बेबी कहते हैं, किसी पंथ में बीबी कहते हैं, लेकिन केवल हिंदू धर्म ही ऐसा है जो महिला को देवी कहता है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम में महिलाओं के साथ अन्याय होता है “25-25 बच्चे पैदा कराए जाते हैं और फिर तीन तलाक दे दिया जाता है। हमारे यहां ऐसी यूज एंड थ्रो संस्कृति नहीं है।”
रामभद्राचार्य के बयानों से गर्माया माहौल
रामकथा के दौरान ही रामभद्राचार्य ने हिंदू समाज से अपील की कि वे अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल या मदरसों में भेजने से बचें। उन्होंने कहा, “हमें बच्चों को संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाना चाहिए ताकि वे वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप और मंगल पांडे जैसे बनें। सरस्वती विद्यालय इस दिशा में बेहतर विकल्प हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि मनुस्मृति में जातियों का ज़िक्र है, लेकिन आज की राजनीति ने इन्हें 'जातिवाद' में बदल दिया है और यह सत्ता का माध्यम बन गया है।
दो दिन पहले रामभद्राचार्य ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को 'मिनी पाकिस्तान' कहकर पहले ही विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि "वेस्ट यूपी में हिंदू संकट में है। उन्हें न्याय नहीं मिल रहा। यहां का माहौल भारत के मूल धर्म और संस्कृति के विपरीत होता जा रहा है।" उन्होंने हिंदुओं से आग्रह किया कि वे अब चुप न रहें और अपने धर्म की रक्षा के लिए मुखर हों। “हमारा धर्म वसुधैव कुटुंबकम सिखाता है, लेकिन अब आवश्यकता है कि हिंदू समाज संगठित और सजग हो,” उन्होंने कहा।
रामभद्राचार्य के बयानों पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने कहा, “ऐसे लोगों को कुछ दिख नहीं रहा। इन्हीं की मदद से सरकार बनी है और राज चल रहा है। इनकी बातों पर मुझे तरस आता है।” सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने भी कहा, “रामभद्राचार्य इस तरह के बयान देकर समाज में भय और विभाजन फैला रहे हैं। अगर ये बयान नहीं देंगे तो इनकी दुकान कैसे चलेगी?” उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू और मुसलमान भाईचारे से रहते हैं, और इस तरह की बयानबाज़ी से केवल एक खास राजनीतिक पार्टी को लाभ पहुंचता है।
विवाद के बावजूद रामभद्राचार्य अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा, “हम आज भी कहते हैं कि वेस्ट यूपी में हिंदुओं का पलायन हो रहा है। संभल और मुजफ्फरनगर में हालात बिगड़ रहे हैं। क्यों हो रहा है ये सब? क्या इस पर कोई बात नहीं करेगा?” उन्होंने यह भी दोहराया कि उनके कहने का उद्देश्य किसी धर्म को नीचा दिखाना नहीं, बल्कि हिंदू समाज को जागरूक करना है।