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रायबरेली में कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार में अजय फार्मा के संचालक दिवाकर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बैंक खाते की जांच शुरू कर दी है और प्रियांशू की तलाश जारी है। इस पूरे मामले में पर्दे के पीछे कई और लोग शामिल हो सकते हैं।
अजय फार्मा का संचालक गिरफ्तार
Raebareli: रायबरेली में कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अजय फार्मा के संचालक दिवाकर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एक बड़े ड्रग्स रैकेट का हिस्सा साबित हो सकती है, जिसमें 5 से 6 लाख कफ सिरप की शीशियों का अवैध लेन-देन किया गया था। इस मामले को लेकर ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने पहले ही पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद कार्रवाई शुरू की गई।
रायबरेली में अजय फार्मा और मेडिसिन हाउस नामक प्रतिष्ठानों के खिलाफ कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार का मामला सामने आया है। अजय फार्मा के संचालक दिवाकर सिंह और मेडिसिन हाउस के संचालक प्रियांशू के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। जांच में यह बात सामने आई कि इन दोनों ने मिलकर 5 से 6 लाख शीशियां कफ सिरप की अवैध तरीके से खरीदी और बेचीं। कोडीन युक्त कफ सिरप का यह अवैध व्यापार राज्य में स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता था।
पुलिस द्वारा की गई जांच के बाद, दिवाकर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। मिलएरिया थाना पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पता चल सके और यह समझा जा सके कि इस अवैध व्यापार में अन्य कौन से लोग शामिल हैं। इस कार्रवाई के बाद, पुलिस ने दिवाकर सिंह के बैंक खाते की भी जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस पूरे लेन-देन में और कौन से वित्तीय लेन-देन शामिल थे।
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जहां एक तरफ दिवाकर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं मेडिसिन हाउस के संचालक प्रियांशू अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो सकती है। प्रियांशू के खिलाफ भी गंभीर आरोप हैं और उसकी गिरफ्तारी इस मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
पुलिस ने दिवाकर सिंह के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है। उनका मानना है कि इस अवैध व्यापार के पीछे कुछ बड़े वित्तीय लेन-देन हो सकते हैं, जो अब तक सामने नहीं आए हैं। पुलिस ने बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स हासिल करने के लिए बैंकों से जानकारी मांगी है। इसके अलावा, पुलिस के मुताबिक, इस पूरे प्रकरण में पर्दे के पीछे कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं। इन लोगों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है।
पुलिस का मानना है कि इस अवैध कारोबार में सिर्फ दिवाकर सिंह और प्रियांशू ही शामिल नहीं हैं। पर्दे के पीछे और भी लोग हो सकते हैं, जो इस साजिश का हिस्सा रहे हों। पुलिस ने इन लोगों की तलाश शुरू कर दी है और उनकी भूमिका का पता लगाने के लिए विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकट्ठा की जा रही है।
कोडीन युक्त कफ सिरप का अवैध व्यापार बहुत गंभीर समस्या है, क्योंकि यह दवा लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। कोडीन एक नशीला पदार्थ है, जो अत्यधिक सेवन से व्यसन और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसे में इस अवैध व्यापार पर कड़ी नजर रखना आवश्यक है, ताकि यह नियंत्रित किया जा सके और इसके दुष्प्रभावों से बचाव हो सके।