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एसबीआई ग्रामीण बैंक में हुई चोरी के प्रयास का पुलिस ने मात्र 48 घंटे में खुलासा कर दिया। एसओजी, सर्विलांस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके पास से कैमरे, डीवीआर, हथियार और ताले तोड़ने के उपकरण सहित चोरी किया गया पूरा सामान बरामद किया।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
Mainpuri: मैनपुरी जिले के कुरावली थाना क्षेत्र में स्थित एसबीआई ग्रामीण बैंक में चोरी का प्रयास पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ था। 17 और 18 नवंबर की रात हुई इस वारदात में अज्ञात चोरों ने बैंक का ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया और सीसीटीवी कैमरों के साथ डीवीआर भी चोरी कर ले गए थे। बैंक की सुरक्षा व्यवस्था को भेदने की इस कोशिश से पुलिस प्रशासन तुरंत सक्रिय हो गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मैनपुरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसओजी टीम, सर्विलांस यूनिट और थाना कुरावली पुलिस को संयुक्त जांच के निर्देश दिए। तकनीकी साक्ष्यों, सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की सहायता से पुलिस ने घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों की बारीकी से जांच की। संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखते हुए पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग मिला, जो उन्हें सीधे आरोपी तक ले गया।
जांच के दौरान पुलिस की पकड़ मुन्ना उर्फ मुशर्फक पुत्र अब्दुल अजीज, निवासी मोहल्ला रामनगर, कुरावली पर मजबूत हुई। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें उसने कई सनसनीखेज खुलासे किए। पुलिस ने उसके घर से चोरी हुए डीवीआर, कैमरे, रॉड, ताले तोड़ने के उपकरण और 315 बोर के दो जिंदा कारतूस बरामद कर लिए।
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पूछताछ में सामने आया कि आरोपी भारी कर्ज के दबाव में था और इसी तनाव से बचने के लिए उसने अपनी पत्नी रागिनी और साले सोनू के साथ मिलकर बैंक चोरी की योजना बनाई थी। 16 नवंबर को वह बैंक तक पहुंचा भी था, लेकिन डर की वजह से वापस लौट आया। इसके बाद 17 और 18 नवंबर की रात उसने हिम्मत जुटाई और अपने साथियों के साथ शटर तोड़कर बैंक में घुस गया। कैमरे और डीवीआर निकालकर उन्हें नष्ट करने की कोशिश की, ताकि पुलिस पहचान न कर सके, लेकिन चोरी को पूरी तरह अंजाम नहीं दे सका।
पुलिस ने बताया कि वारदात के दौरान उसका साथी बाहर खड़ा होकर निगरानी कर रहा था। वैज्ञानिक और तकनीकी तरीकों का उपयोग करते हुए पुलिस ने आरोपी की पहचान की और महज दो दिनों में पूरी वारदात का खुलासा कर दिया। पुलिस की सतर्कता और तेजी से कार्रवाई के चलते बैंक की बड़ी हानि होने से बच गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस उत्कृष्ट कार्य के लिए पुलिस टीम को 10,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। अभियुक्त के खिलाफ विधिक कार्रवाई पूरी करते हुए उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस अब उसके बाकी साथियों की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही अन्य खुलासे होने की उम्मीद है।