

लक्ष्मीपुर क्षेत्र के पिपरा सोहट गाँव स्थित प्राथमिक विद्यालय में चोरों ने बीती रात ताले तोड़कर साउंड सिस्टम और टुल्लू पंप चुरा लिया। विद्यालय प्रशासन ने कोल्हुई थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। विद्यालय परिसर में न तो कोई सुरक्षा गार्ड तैनात है और न ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
प्राथमिक विद्यालय में चोरी
Maharajganj: शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय अब चोरों की नजर में भी आ चुके हैं। ऐसा ही एक मामला महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर बीआरसी क्षेत्र अंतर्गत पिपरा सोहट गांव के प्राथमिक विद्यालय में सामने आया है, जहां बीती रात चोरों ने विद्यालय परिसर में घुसकर कई कमरों के ताले तोड़े और जरूरी उपकरण चुरा ले गए।
कैसे हुआ चोरी का खुलासा?
जानकारी के अनुसार, विद्यालय की रसोइयां ने मंगलवार सुबह विद्यालय परिसर में घुसते ही देखा कि मुख्य द्वार और मोटर कक्ष का ताला टूटा हुआ है। इस सूचना को तुरंत विद्यालय के प्रधानाचार्य विजय प्रताप तक पहुंचाया गया। जब प्रधानाचार्य ने विद्यालय का निरीक्षण किया तो पाया कि साउंड सिस्टम और टुल्लू पंप गायब है, जबकि कार्यालय का सामान भी पूरी तरह बिखरा पड़ा था।
कोल्हुई थाने में मामला दर्ज
प्रधानाचार्य विजय प्रताप ने तुरंत कोल्हुई थाने में तहरीर दर्ज करवाई और अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी को भी दे दी गई है।
पुलिस ने शुरू की जांच
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल शुरू की। इस संदर्भ में कोल्हुई थाने के एसआई अंजनी कुमार ने बताया कि चोरी की घटना की सूचना मिली है और मामला संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही दोषियों को पकड़ा जाएगा।
स्कूल में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यालय परिसर में न तो कोई सुरक्षा गार्ड तैनात हैं और न ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे चोरों को बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम देने का मौका मिल गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर असामाजिक तत्व विद्यालयों में चोरी और तोड़फोड़ जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में विद्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो सकें।