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महराजगंज में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भारी अनियमितता सामने आई है। ग्राम पंचायत हरखोडा में 9 आवासों की जांच में 4 लाभार्थी अपात्र पाए गए, जिन्हें 4.80 लाख रुपये की तीनों किस्तें जारी हो चुकी थीं। डीएम संतोष कुमार शर्मा ने प्रधान से एक सप्ताह में जवाब मांगा है।
डीएम संतोष कुमार शर्मा
Maharajganj: महराजगंज जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। ग्राम पंचायत हरखोडा में पात्रता चयन और सत्यापन प्रक्रिया को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने ग्राम प्रधान अनीता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस कार्रवाई ने पूरे पंचायत प्रशासन में हलचल मचा दी है और अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी सख्त संदेश दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विशेष रिपोर्ट के अंतर्गत ग्राम पंचायत हरखोडा निवासी मेराजुद्दीन व अन्य ग्रामीणों ने पीएम आवास योजना में पात्रता चयन में गड़बड़ी की शिकायत परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को दी थी। शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने तत्काल जांच कराने के आदेश दिए। जांच की जिम्मेदारी जिला कृषि अधिकारी को सौंपी गई, जिन्होंने 5 मार्च 2024 को अपनी विस्तृत रिपोर्ट डीएम को सौंप दी।
जांच में कुल 9 आवासों का परीक्षण किया गया, जिसमें से 4 लाभार्थियों, सुमन वर्मा, अमरावती, त्रिभुवन और रमनी अपात्र पाए गए। हैरानी की बात यह रही कि ये सभी चारों लाभार्थी पीएमएवाई वेबसाइट पर पंजीकृत थे और उन्हें योजना की तीनों किस्तें प्रति लाभार्थी 1,20,000 रुपये जारी हो चुकी थीं, यानी कुल 4,80,000 रुपये का भुगतान हो चुका था। इससे स्पष्ट होता है कि पूरे लाभार्थी चयन से लेकर जियो-टैगिंग और किस्त जारी होने तक की प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही या संभावित भ्रष्टाचार हुआ है।
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रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि पंचायत स्तर पर लाभार्थी चयन की बैठक प्रधान की अध्यक्षता में होती है और सचिव भौतिक सत्यापन कर डेटा पोर्टल पर अपलोड करते हैं। इसके बाद ही किस्त जारी की जाती है। ऐसे में अपात्र व्यक्तियों को आवास स्वीकृत होना कहीं न कहीं पंचायत प्रशासन की लापरवाही, गलत चयन प्रक्रिया और निरीक्षण में कमी की ओर संकेत करता है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा के माध्यम से ग्राम प्रधान अनीता को कड़ा नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि वे सात दिनों के भीतर पूरे प्रकरण पर विस्तृत और संतोषजनक स्पष्टीकरण दें। अन्यथा उनके खिलाफ पंचायत राज अधिनियम की धारा 95(1)(छ) के तहत कार्रवाई करते हुए वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार निलंबित कर तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की जाएगी।
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इस नोटिस के बाद पंचायत क्षेत्र में बवाल मचा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि योजना में पात्र गरीबों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि कुछ अपात्र लोगों को लाभ देकर योजनाओं को पथभ्रष्ट किया जा रहा है। वहीं, प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी गरीबों की कल्याणकारी योजना में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।