

बिजली विभाग की घोर लापरवाही के कारण आम जनता को लगातार अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर हाईटेंशन तारों को बदलने के बजाय अधिकारी अस्थायी जुगाड़ से काम चला रहे हैं, जिससे बिजली आपूर्ति में बार-बार व्यवधान हो रहा है। गर्मी की तपिश में बेहाल लोग रातें सड़कों पर काटने को मजबूर हैं, जबकि विभाग की मनमानी से उनकी मुश्किलें और बढ़ रही हैं। यह स्थिति न केवल सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, बल्कि विभाग की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर रही है।
अंधेरे में डूबा कोल्हुई कस्बा
Maharajganj: कोल्हुई में बिजली विभाग की घोर लापरवाही के कारण आम जनता को लगातार अंधेरे का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर हाईटेंशन तारों को बदलने के बजाय अधिकारी अस्थायी जुगाड़ से काम चला रहे हैं, जिससे बिजली आपूर्ति में बार-बार व्यवधान हो रहा है। गर्मी की तपिश में बेहाल लोग रातें सड़कों पर काटने को मजबूर हैं, जबकि विभाग की मनमानी से उनकी मुश्किलें और बढ़ रही हैं। यह स्थिति न केवल सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, बल्कि विभाग की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर रही है।
लगातार फाल्ट ने बढ़ाई मुश्किलें
रविवार की रात कोल्हुई के पशु अस्पताल वाली गली में अचानक हाईटेंशन तार टूट गया, जिससे पूरे इलाके में बिजली गुल हो गई। बिजली कर्मियों ने किसी तरह जुगाड़ से इसे ठीक कर आपूर्ति बहाल की, लेकिन राहत ज्यादा देर न टिकी। थोड़ी दूर नौतनवां रोड पर फिर फाल्ट हो गया। कर्मियों ने इसे भी दुरुस्त किया, मगर परसौना के पास जर्जर तारों ने फिर धोखा दिया। लगातार तीन फाल्ट ने रात में और अंधेरा छा गया और लोग भीषड़ गर्मी से बेहाल हैं।स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुराने तारों की वजह से ऐसी घटनाएं आम हो चुकी हैं।
विभाग की लापरवाही: जुगाड़ क्यों बना विकल्प?
बिजली विभाग के अधिकारी जर्जर तारों को समय रहते जांचने या बदलने में विफल साबित हो रहे हैं। बजाय इसके, वे सस्ते जुगाड़ पर निर्भर हैं, जो न केवल अस्थायी समाधान हैं, बल्कि दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। क्या विभाग को नियमित सर्वेक्षण और रखरखाव पर ध्यान नहीं देना चाहिए? विशेषज्ञों के अनुसार, हाईटेंशन लाइनों की समय-समय पर जांच अनिवार्य है, ताकि ऐसी आपदाओं से बचा जा सके। लेकिन यहां तो लापरवाही ही हावी नजर आ रही है।
जनता भुगते खामियाजा
एक ओर चोरी की अफवाहें हवा में तैर रही हैं, वहीं विभाग की कमियां आम आदमी को भुगतनी पड़ रही हैं। गर्मी से त्रस्त लोग घरों में पंखे की हवा के बिना सड़कों पर टहलते नजर आ रहे हैं। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सब मिलकर विभाग की मनमानी का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं।कुल मिलाकर, कोल्हुई की यह स्थिति बिजली विभाग की नाकामी का आईना है। यदि तत्काल जर्जर तार बदले नहीं गए, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। जनता को न्याय मिले, इसके लिए उच्चाधिकारियों को हस्तक्षेप करना होगा।