महराजगंज: नौतनवा के उर्मिला हॉस्पिटल कांड में नया मोड़, जानिए स्वास्थ्य विभाग की जांच कहां तक पहुंची
नौतनवा तहसील के रतनपुर के उर्मिला हॉस्पिटल में बीते 5/10/2025 रविवार को इलाज के दौरान खोरिया निवासी एक महिला प्रीति गौड़ की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल संचालक पर गंभीर आरोप लगा कर हंगामा किया।
महराजगंज: नौतनवा तहसील के रतनपुर के उर्मिला हॉस्पिटल में बीते 5/10/2025 रविवार को इलाज के दौरान खोरिया निवासी एक महिला प्रीति गौड़ की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल संचालक पर गंभीर आरोप लगा कर हंगामा किया। दो थानों की फोर्स लगभग चार घंटे तक मौके पर डटी रही। पुलिस के समझाने के बाद परिजन माने और रात करीब 10 बजे के शव को पीएम के लिए भेजा गया। इस मामले में अगले दिन स्वास्थ्य विभाग के तीन डिप्टी CMO मौके पर अस्पताल पहुँचे और गेट खुलवाकर अंदर जाँच पड़ताल कर हॉस्पिटल को सील कर दिया।इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट मे क्या सच्चाई सामने आती है ये एक हफ्ते में पता चलेगा।
मामले पुलिस का बयान
इस मामले में संवाददाता ने सोनौली SO से पूछा तो उन्होंने बताया परिजनों ने उस दिन तहरीर दी थी जिसके बाद शव पीएम के लिए भेज दिया गया इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के जाँच रिपोर्ट में दोषी होने के रिपोर्ट के आधार पर आगे की कारवाई की जाती हैं।
मामले में डिप्टी CMO के पी सिंह ने बताया कि हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है। जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम जिसमे डिप्टी CMO वीरेंद्र आर्या, डॉ नीरज कन्नौजिया और स्वयं मै हूँ। मामले के रिपोर्ट में डॉक्टर, पीड़ित परिजनों सहित सहित सभी स्टाफ का बयान दर्ज कर रिपोर्ट एक हफ्ते में उच्चाधिकारियों को सौंपा जायेगा।
परिजनों का बयान
इस मामले में जब मृतका के परिजनों से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने अलग जवाब दिया, बताया कि मेरी तरफ से अभी कोई तहरीर नहीं दी गई है।मामले में डॉक्टर की कोई गलती नहीं दिख रही।फिलहाल परिवार दुःख में है, इनको पीड़ा को समझा जा सकता है।
प्राईवेट होस्पिटलो में इस तरह लापरवाही का मामला कोई नया नहीं है।बड़े -बड़े डिग्रियाँ वाली होर्डिंग्स लगाकर अप्रशिक्षित डॉक्टर इलाज कर रहे,और मरीजो को ठग रहे। नौतनवा क्षेत्र के तमाम लक्ष्मीपुर,अड्डा बाजार,रतनपुर, एकसड़वा, समरधीरा, मुडलि, जैसे छोटे -छोटे चौराहों पर अस्पतालो पैथालॉजि, छोटे कमरो में अस्पताल संचालित हो रहे।अब ये हॉस्पिटल पैथालॉजी सेंटर रजिस्टर्ड है या नहीं ये तो जाँच का विषय है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि समय समय पर इन सेंटरों पर जाँच करती रहे, ताकि इस तरह की घटनाएं रोकी जा सके।