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लक्ष्मीपुर बाजार आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। संकरी सड़कें, जाम, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और नगर पंचायत का दर्जा न मिलना इसकी प्रमुख समस्याएं हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने शासन से सड़क, स्वास्थ्य, रेल और शहरी सुविधाओं के विकास की मांग की है।
Maharajganj: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा से सटा लक्ष्मीपुर बाजार कभी व्यापार और पहचान का केंद्र हुआ करता था। करीब दस हजार की आबादी वाला यह ऐतिहासिक कस्बा आज विकास की बाट जोह रहा है। पुरातात्विक साक्ष्य इसकी प्राचीनता बताते हैं, लेकिन वर्तमान में संकरी सड़कें, जाम, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और प्रशासनिक उदासीनता ने इसकी रफ्तार रोक दी है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सड़क चौड़ीकरण, बाईपास निर्माण, नगर पंचायत का दर्जा, CHC में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती और रेलवे सुविधाओं के विस्तार की मांग की है। उनका कहना है कि अगर बुनियादी सुविधाएं मिलें, तो लक्ष्मीपुर फिर से क्षेत्रीय विकास का केंद्र बन सकता है। लक्ष्मीपुर कस्बे में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, जिस पर करीब आसपास के दर्जनों गाँवों की हजारों की आबादी इस सरकारी अस्पताल पर निर्भर है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि अमित सिंह, दिनेश त्रिपाठी ने शासन से लक्ष्मीपुर के वन क्षेत्र के बंद पड़े ट्रामवे रेल व कुछ ऐतिहासिक चीजों को संजोकर म्यूजियम का रूप देने से पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं बताई हैं, जिससे लक्ष्मीपुर क्षेत्र का विकास होगा।