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जिला अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक नाबालिग किशोरी द्वारा जन्मे स्वस्थ नवजात को कथित रूप से अस्पताल परिसर में छोड़ने का प्रयास किया गया। यह घटना तब सामने आई जब स्वास्थ्यकर्मियों ने संदिग्ध गतिविधि देखते हुए तुरंत हस्तक्षेप किया।
नवजात को फेंकने के प्रयास मामले में FIR दर्ज
Maharajganj: जिला अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक नाबालिग किशोरी द्वारा जन्मे स्वस्थ नवजात को कथित रूप से अस्पताल परिसर में छोड़ने का प्रयास किया गया। यह घटना तब सामने आई जब स्वास्थ्यकर्मियों ने संदिग्ध गतिविधि देखते हुए तुरंत हस्तक्षेप किया। अस्पताल स्टाफ की सतर्कता के कारण नवजात को सुरक्षित बचा लिया गया और संभावित दुर्घटना टल गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही सिंदुरिया थाना पुलिस की टीम जिला अस्पताल पहुंची। पुलिस ने नवजात और नाबालिग मां को तुरंत मेडिकल निगरानी में रखा। प्रारंभिक पूछताछ और परिस्थितियों की समीक्षा के बाद पुलिस ने व्यापक जांच शुरू की। अधिकारियों के अनुसार, नाबालिग मां और उसका परिवार मानसिक दबाव या सामाजिक भय के कारण ऐसा कदम उठाने की कोशिश कर सकता है, लेकिन जानबूझकर नवजात को छोड़ने का प्रयास एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
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जांच के बाद पुलिस ने नवजात की जान को खतरे में डालने और हत्या के प्रयास जैसी कठोर धाराओं के तहत FIR दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि नवजात को फेंकने या छोड़ने का प्रयास कानूनन दंडनीय अपराध है, इसलिए मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या इस प्रयास में कोई और व्यक्ति शामिल था या नाबालिग पर किसी प्रकार का दबाव डाला गया था।
उधर, नवजात को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर और सामान्य बताई जा रही है। पुलिस ने नाबालिग मां की सुरक्षा का भी पूरा बंदोबस्त किया है। उसके बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में लापरवाही या अपराध में शामिल व्यक्ति चाहे परिवार का सदस्य हो या बाहरी, सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सभी पहलुओं की सूक्ष्मता से जांच कर रही है।