

यूपी सरकार के इस फैसले को कर्मचारियों की पुरानी मांग को पूरा कर उनके जीवन को आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लेखपालों और तहसीलदारों की बढ़ाई गई सैलरी(सोर्स इंटरनेट)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के राजस्व विभाग से जुड़े कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात देने का निर्णय लिया है। सालों से लंबित मांगों को लेकर यूपी सरकार ने लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों का वाहन भत्ता बढ़ाने का फैसला किया गया है। साथ ही नायब तहसीलदारों के ग्रेड पे को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। यूपी सरकार के इस कदम से न केवल इन कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि उनकी कार्यक्षमता और मनोबल में भी वृद्धि होगी।
यूपी में वर्तमान समय में लगभग 30,873 लेखपाल और 4,281 राजस्व निरीक्षक तैनात हैं। इनका कार्यक्षेत्र ग्रामीण इलाकों में होता है, जहां उन्हें जमीन की नाप-जोख, खतौनी में सुधार, खेतों की जांच, सरकारी योजनाओं की निगरानी और लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने का कार्य करना होता है। ऐसे में प्रतिदिन साइकिल, बाइक या अन्य निजी साधनों से गांव-गांव दौरा करना इनकी नौकरी का हिस्सा होता है। पहले इन्हें वाहन भत्ते के नाम पर बहुत मामूली रकम दी जाती थी, जिससे उनकी दैनिक यात्रा का खर्च निकालना बेहद मुश्किल हो जाता था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, राजस्व विभाग से जानकारी मिली है कि, अब लेखपालों को 1,500 रुपये हर महीने राजस्व निरीक्षकों को 2,000 रुपये हर महीने वाहन भत्ता दिया जाएगा। यह प्रस्ताव राजस्व परिषद की ओर से शासन को भेजा गया था, जिसे सहमति मिल चुकी है और जल्द ही इस पर शासनादेश जारी होने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें अपने दायित्वों को और बेहतर ढंग से निभाने का अवसर मिलेगा।
इसी के साथ सरकार ने नायब तहसीलदारों के ग्रेड पे में भी बढ़ाने का फैसला लिया है। वर्तमान में इनका ग्रेड पे 4,200 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 4,800 रुपये करने की तैयारी की जा रही है। नायब तहसीलदारों का कहना था कि कम ग्रेड पे के कारण उन्हें अधीनस्थ कर्मचारियों से समुचित तरीके से काम लेना कठिन हो जाता है। राजस्व परिषद ने इस मुद्दे को भी गंभीरता से लिया और शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, जिस पर जल्द निर्णय की संभावना है।
लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और नायब तहसीलदार राजस्व तंत्र की रीढ़ होते हैं। लेखपाल जहां ग्रामीण स्तर पर खेती-बाड़ी, जमीन से जुड़े विवादों और योजनाओं के कार्यान्वयन में भूमिका निभाते हैं, वहीं राजस्व निरीक्षक इन कार्यों की निगरानी और रिपोर्टिंग करते हैं। नायब तहसीलदार तहसील स्तर पर प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी संभालते हैं—जैसे भूमि विवाद सुलझाना, सरकारी योजनाओं की निगरानी और राजस्व वसूली सुनिश्चित करना।
सरकार का यह कदम इन कर्मचारियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे न केवल उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है, बल्कि उनके सम्मान और कामकाजी माहौल को भी बेहतर बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास किया गया है।