भगवान जगन्नाथ एकांतवास पर, जाने कब होंगे दर्शन क्या है मान्यता

बड़हरा महंथ में स्थित प्राचीन भगवान जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को भगवान का वैदिक मंत्रोच्चारण व घंटे-घड़ियाल की गूंज के साथ सहस्त्रधारा स्नान कराया गया। पढिए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 13 June 2025, 2:01 PM IST
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महराजगंज: सिसवा विकासखंड क्षेत्र के ग्रामसभा बड़हरा महंथ में स्थित प्राचीन भगवान जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को भगवान का वैदिक मंत्रोच्चारण व घंटे-घड़ियाल की गूंज के साथ सहस्त्रधारा स्नान के बाद भगवान पंद्रह दिनों के लिए एकांतवास में चले गए। इसके बाद सोलहवें दिन आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को होने वाले रथ यात्रा में पुनः भगवान भक्तों को दर्शन देंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंदिर के महंत संकर्षण रामानुज दास ने बताया कि ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुदर्शन व सुभद्रा को भीषण गर्मी से निजात दिलाने के लिए 108 पात्रों में भरे चंदन व कपूर मिश्रित जल से सहस्त्रधारा स्नान कराया गया। मान्यता है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ, उनके सुदर्शन, भैया बलभद्र व बहन सुभद्रा को मौसमी बुखार हो जाता है। इस दिन से पंद्रह दिनों तक भगवान उक्त सभी के साथ एकांतवास में चले जाते हैं।

इसके उपरांत मंदिर का पट बंद करके भगवान को गर्भगृह से निकालकर अलग स्थान (अनबसर घर) में रखा जाएगा। इस बीच मंदिर के सेवकों द्वारा भगवान को जायफल व तुलसी व औषधियों का काढ़ा के साथ मौसमी फल के अलावा दलिया का भोग लगाया जाएगा। भगवान का जड़ी-बूटियों से उपचार भी किया जाएगा। पंद्रह दिन तक एकांतवास में रहने के पश्चात ठीक सोलहवें दिन आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को भगवान स्वस्थ हो जाएंगे।

इस दिन भगवान को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर सर्वऔषधि, गुलाबजल मिश्रित 108 घड़े के जल से भगवान को स्नान कराने के बाद पूजा, अर्चना, छप्पन भोग व मंगल आरती के बाद पट को भक्तजनों के दर्शनार्थ खोला जाएगा। लकड़ी के नंदीघोष रथ पर भगवान अपनी बहन सुभद्रा के साथ विराजमान होंगे।

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