Sultanpur News: आईएएस की नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, सात पर केस दर्ज, पीड़ित ने बताया पूरा मामला

सुल्तानपुर जिले में एक बड़े स्तर पर ठगी की घटना घटी है, जिसे जानकर पुलिस भी हैरान हो गई। पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 17 June 2025, 10:26 AM IST
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सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से एक बड़ी और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे जनपद में हड़कंप मचा दिया है। बता दें कि आईएएस की नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवक के साथ 38 लाख रुपये की ठगी हुई है, जिसका मुकदमा नगर कोतवाली में दर्ज हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार एसपी के निर्देश पर दर्ज इस केस में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और धमकी देने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के लक्ष्मणपुर चौकी इलाके से जुड़ा है।

पीड़ित ने दी लिखित तहरीर
बता दें कि पीड़ित की पहचान प्रांजल त्रिपाठी पुत्र सतीश कुमार त्रिपाठी के रूप में हुई है, जो सांडिल्य सदन लक्ष्मणपुर सुल्तानपुर का निवासी है। प्रांजल ने एसपी, डिप्टी सीएम और एएसपी से मिलकर लिखित तहरीर दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि ई-एडमिट कार्ड, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर आदि दिखाकर उनसे बड़ी रकम वसूली गई।

पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस ने प्रांजल की तहरीर पर प्रणव, अधिवक्ता बजरंग द्विवेदी, मनीष दुबे, आशीष, राज, दीपक पटेल और श्रेयांश थाना कूरेभार निवासी समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

मामले पर पीड़ित का बयान
मामले को लेकर पीड़ित ने बताया कि परीक्षा में नौकरी के दिलवाने के नाम पर उसके साथ धोखाधड़ी हुई। इस दौरान आरोपियों ने प्रांजल से लाखों की वसूली की। प्रांजल ने बताया कि उसने साल 2022 में UPSC (PRE) की परीक्षा दी थी, जिसके बाद उनका संपर्क आरोपियों ने हुई। सभी आरोपियों में से एक आरोपी प्रणव घर पर आने- जाने लगा और परिवार के साथ भी मिल- जुल गया।

जब प्रांजल का पूरा परिवार प्रणव पर भरोसा करने लगा तो उसने बताया कि उसके कई केंद्रीय मंत्रियों से संबंध है, जिसने कई लोगों को आईएएस और पीसीएस बना दिए हैं। यह कहने के बाद आरोपी प्रणव ने कहा कि आप बस पैसों का इंतजाम करिए हम प्रांजल को भी आईएएस बना देगें। जिसके बाद आरोपी ने अपने पिता का बैंक अकाउंट नंबर दिया।

आरोपी ने परिवार को दिया यह विश्वास
पैसे मिलने के बाद आरोपी ने पीड़ित को एडमिट कार्ड और साक्षात्कार का समय एक हरी फाइल में रखकर दिया। फोटो और नाम देखकर पीड़ित परिवार को वह सब असली लगे। दस्तावेज देने के समय प्रणव के मित्र राज मिश्रा और उत्कर्ष मौजूद थे। संदेह होने पर आरोपी ने कहा कि अगर मुझे धोखाधड़ी करनी होती तो मैं अपने पिता के बैंक अकाउंट में पैसे क्यों मंगवाता। साक्षात्कार असफल होने के बाद वह बोलता रहा कि वह सीडीओ पद पर नियुक्त जरूर करवाऊंगा। बता दें कि आरोपी ने बैंक में लगभग 26.50 लाख रूपए मंगवाए और बाकि के पैसे अपने मित्र के अकाउंड में डलवाए।

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