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प्रदेश में सरकारी लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसने व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है, रसूलाबाद ब्लॉक के ग्राम पंचायत मालकापुरवा के मजरा गोपालपुर गांव में रहने वाले 70 वर्षीय छम्मीलाल को अधिकारियों ने कागज़ों में मृत घोषित कर दिया।
अधिकारियों के सामने बुजुर्ग छम्मीलाल शिकायती पत्र देते हुए
Kanpur Dehat: प्रदेश में सरकारी लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसने व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है, रसूलाबाद ब्लॉक के ग्राम पंचायत मालकापुरवा के मजरा गोपालपुर गांव में रहने वाले 70 वर्षीय छम्मीलाल को अधिकारियों ने कागज़ों में मृत घोषित कर दिया। हैरानी की बात यह है कि यह “मृत घोषित” बुजुर्ग आज भी बिल्कुल जीवित है और अपने जीवित होने का प्रमाण लेकर कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर है।
जीवित छम्मीलाल
मामला 20 जून 2024 का है, जब विभागीय रिकॉर्ड में छम्मीलाल को मृत दिखा दिया गया। इसके बाद उनकी वृद्धावस्था पेंशन योजना तत्काल प्रभाव से रोक दी गई। पेंशन बंद होने के बाद गरीब बुजुर्ग की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई, जिससे रोजमर्रा के खर्च पूरे करना भी मुश्किल हो गया। इसके बाद उन्होंने कई दफ्तरों में गुहार लगाई, लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली।
थक-हार कर छम्मीलाल आखिरकार शिकायत लेकर रसूलाबाद ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) विपुल विक्रम सिंह के पास पहुंचे। बुजुर्ग ने बीडीओ के सामने अपने जीवित होने के दस्तावेज और पहचान पत्र प्रस्तुत किए। शिकायत सुनते ही बीडीओ ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जल्द ही जांच कराई जाएगी और जो भी अधिकारी लापरवाही का दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई तय है।
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ग्रामीणों के अनुसार छम्मीलाल वर्षों से गांव में रह रहे हैं और सभी लोग उन्हें अच्छे से जानते हैं, लेकिन कागज़ों की गलती ने उन्हें कठिनाई में डाल दिया है। यह पहली बार नहीं है जब ऐसे मामलों से कानपुर देहात में सुर्खियां बनी हों। स्थानीय लोग अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि रिकॉर्ड अपडेट करने में विशेष सतर्कता बरती जाए ताकि कोई भी बुजुर्ग इस तरह की परेशानी का शिकार न हो, बुजुर्ग छम्मीलाल की अब एक ही मांग है सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें जीवित दर्ज किया जाए और उनकी बंद पेंशन दोबारा शुरू की जाए।