

उत्तर प्रदेश की झांसी में हाइवे पर खड़े वाहनों के खिलाफ कार्रवाई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
झांसी में सड़क व्यवस्थआ सुगम(सोर्स-इंटरनेट)
झांसी : उत्तर प्रदेश के झांसी में हाईवे पर खड़े भारी वाहनों के खिलाफ एक अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर किया गया। झांसी में वाहनों के कारण दुर्घटना की बढ़ती सख्या को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस अभियान के तहत 22 वाहनों का चालान किया गया। जो अवैध रुप से हाईवे पर खड़े थें।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आरटीओ विभाग और यातायात पुलिस ने ग्वालियर हाईवे पर खड़े भारी वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। जिसमें 22 वाहनों का चालान किया गया है। जो अवैध रुप से हाईवे पर खड़े थे। अव्यवस्थित ढंग से खड़े भारी वाहनों की वजह से आने जाने वाले गाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार भीषण सड़क दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। इसलिए, आरटीओ और पुलिस की टीम ने ठोस रणनिती के तहत चेकिंग अभियान को शुरु किया है।
आरटीओ के एआरटीओ एसके अग्रवाल और सीओ ट्रैफिक आसमां बकार ने इस दौरान कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। ग्वालियर हाईवे पर बेढंग खड़े भारी वाहनों का चालान काटा गया। इसके बाद वाहनों को उचित स्थान से हटवाने का भी कार्य किया।
आरटीओ के एआरटीओ एसके अग्रवाल और सीओ ट्रैफिक आसमां बकार ने ढाबा संचालकों को चेतावनी दी कि वे किसी स्थिती में भारी वाहनों को हाईवे पर खड़ा न होने दें।
पुलिस ने सभी ट्रक चालकों और ढाबा संचालकों को सलाह दी कि वे वाहन खड़ा करने में सतर्क रहें और सड़क पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न होने दें। ढाबा संचालकों को दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि यदि कोई भारी वाहन उनके ढाबे के पास खड़ा होता है, तो उन्हें तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।
इस अभियान का उद्देश्य केवल व्यवस्था को ठीक करना था। जिससे बढ़ते सड़क दुर्घटना को काबू किया जा सके और सार्वजनिक सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सके। एआरटीओ अग्रवाल ने बताया कि पिछले कुछ समय से यह देखा जा रहा था कि हाईवे पर भारी वाहन बिना किसी वजह के खडें रहते थे। जिससे कई बार टकराव के हालात उत्पन्न हो जाते हैं।
सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए ये अभियान चलाया जा रहा है। ताकी सड़कों पर जाम की समस्या ना हो सके। ऐसे में अब देखने वाली बात यह है कि जो ढाबा संचालकों को निर्देश दिए गए है वो उनकी तरफ से पूरी की जाती है या फिर नहीं।