

ईदगाह रामनगर उरई के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन सौंपा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन
जालौन: यूपी के जालौन जिले में ईद-उल-अजहा (बकरीद) के पावन पर्व को लेकर ईदगाह रामनगर उरई के अध्यक्ष मुहम्मद अयूब अंसारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में मुहम्मद सलीम अंसारी, हाफिज मुहम्मद खालिद, नईम खान, मुहम्मद हाशिम और मुहम्मद जाहिद शामिल थे। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने जिला प्रशासन से इस महत्वपूर्ण त्योहार के लिए विशेष व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की मांग की, ताकि मुस्लिम समुदाय इस पर्व को पूरे उत्साह और शांति के साथ मना सके।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ईद-उल-अजहा का त्योहार 7 जून को मनाया जाएगा, जो तीन दिनों तक यानी 9 जून तक चलेगा। इस दौरान इस्लामी परंपराओं के अनुसार सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से कुर्बानियां की जाएंगी। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी त्योहार के दौरान सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। खास तौर पर, ईदगाह रामनगर झांसी रोड उरई, शहर की सभी मस्जिदों, खानकाहों और मदरसों के आसपास के क्षेत्रों में विशेष सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में चूना (कलई) डलवाने की मांग भी की गई ताकि स्वच्छता बनी रहे।
आवारा जानवरों पर प्रतिबंध की मांग
इसके साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की कि ईद-उल-अजहा के दौरान मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में आवारा जानवरों, विशेष रूप से सुअरों और अन्य घूमने वाले जानवरों पर प्रतिबंध लगाया जाए। ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सकेगा और त्योहार के दौरान, माहौल शांतिपूर्ण रहेगा। इसके अलावा, कुर्बानी के बाद उत्पन्न होने वाले मलवे को हटाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली और कूड़ा गाड़ियों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि मलवे को निश्चित स्थानों से समयबद्ध तरीके से हटाया जाए ताकि क्षेत्र में गंदगी न फैले और स्वच्छता बनी रहे।
बिजील और पानी सप्लाई को लेकर मांग
वहीं, बिजली और पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग भी प्रशासन से की गई है। मुहम्मद अयूब अंसारी ने कहा कि इन व्यवस्थाओं से न केवल त्योहार का आयोजन सुचारू रूप से होगा, बल्कि समुदाय के बीच स्वच्छता और शांति का माहौल भी बना रहेगा। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि वह इस पर्व को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए।