

जालौन में बकरीद पर्व को लेकर जिला प्रशासन से विशेष व्यवस्थाओं की मांग की गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपने पहुंचे लोग
जालौन: आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तहादुल मुस्लमीन (AIMIM) के जिला इकाई ने आगामी ईदुज्जुहा (बकरीद) पर्व को लेकर जिला प्रशासन से विशेष व्यवस्थाओं की मांग की है। मंगलवार को संगठन के जिलाध्यक्ष रईस मलिक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस दौरान असरफ मंसूरी (जिला प्रभारी), तारिक अनवर रहमानी, भूरे खां, हाजी अबरार अहमद, दानिश बरकाती, मासूक अली, खुर्शीद शाह चिस्ती, मुहम्मद कल्लू मंसूरी, हाफिज ताज कादरी, कदीर खान और मुजीब अहमद जैसे प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे। यहां ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने मुस्लिम समुदाय के महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व ईदुज्जुहा के लिए साफ-सफाई, पेयजल, सुरक्षा और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने की मांग की है।
विभिन्न मस्जिदों में अदा की जाती है सामूहिक नमाज
AIMIM नेताओं ने बताया कि 7 जून को मनाया जाने वाला ईदुज्जुहा मुस्लिम समुदाय का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और धार्मिक आस्था से जुड़ा पर्व है। इस दिन ईदगाह और जिले की विभिन्न मस्जिदों में सामूहिक नमाज अदा की जाती है। नमाज के बाद परंपरागत रूप से अनुमन्य पशुओं की कुर्बानी की रस्म अदा की जाती है। यह प्रक्रिया न केवल व्यक्तिगत रूप से घरों में होती है, बल्कि जिले के कई स्थानों पर सामूहिक साझेदारी में बड़े पशुओं की कुर्बानी की प्राचीन परंपरा भी निभाई जाती है। यह रस्म तीन दिनों तक चलती है, जिसके दौरान स्वच्छता और व्यवस्था का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने सिटी मजिस्ट्रेट से मांग की कि ईदगाह और मस्जिदों के आसपास साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही नमाज स्थलों पर स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने, आवारा जानवरों पर नियंत्रण और कुर्बानी स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं। इसके अलावा, नमाज और कुर्बानी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की भी मांग की गई है ताकि पर्व शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके।
इस दौरान, AIMIM के जिलाध्यक्ष रईस मलिक ने कहा कि ईदुज्जुहा का पर्व मुस्लिम समुदाय के लिए गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस अवसर पर प्रशासन की ओर से उचित व्यवस्थाएं न केवल समुदाय की सुविधा बढ़ाएंगी, बल्कि सामाजिक सद्भाव और शांति को भी बढ़ावा देंगी। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि सभी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए और समय रहते आवश्यक कदम उठाए जाएं।