

सोनौली सीमा पर फर्जी वीजा के साथ पकड़े गए ईरानी नागरिक को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए एक वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश यादव की अदालत ने ईरान के गोलस्तान निवासी याकूब वरदान को दोषी ठहराया। अदालत ने उसे एक वर्ष का सश्रम कारावास और तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी।
पुलिस गिरफ्त में आरोपी
Maharajganj: भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर फर्जी वीजा के साथ पकड़े गए ईरानी नागरिक को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए एक वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश यादव की अदालत ने ईरान के गोलस्तान निवासी याकूब वरदान को दोषी ठहराया। अदालत ने उसे एक वर्ष का सश्रम कारावास और तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी।
न्यायालय ने आदेश दिया कि हिरासत में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित किया जाए। यह मामला 9 मई 2024 का है, जब सोनौली सीमा पर एसएसबी जवानों ने याकूब को हिरासत में लिया था। उसके पास से भारतीय वीजा बरामद हुआ था, जिस पर फर्जी अराइवल और डिपार्चर स्टैंप लगे हुए थे। वह इस फर्जी वीजा के आधार पर नेपाल जाने की कोशिश कर रहा था।
गिरफ्तारी के बाद आव्रजन अधिकारी की तहरीर पर सोनौली कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन अधिकारी प्रवेंद्र कुमार दिवाकर ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर कठोर दंड की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया।
पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने बताया कि ईरानी नागरिक को न्यायालय से सजा मिल चुकी है और उसकी सजा लगभग पूरी हो चुकी है। अर्थदंड जमा करने के बाद उसे जेल से रिहा कर दिल्ली स्थित ईरान दूतावास भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।