वाराणसी में भांग के ठेके के बगल में खुलेआम बिक रहा गाँजा, पुलिस की लापरवाही और व्यवस्था पर लगा प्रश्नचिह्न

यूपी के वाराणसी जिले में रोक के बावजूद शिवाला और कमच्छा में खुलेआम गाँजा बिक्री हो रहा है, जिसका खुलासा डाइनामाइट न्यूज़ द्वारा किया गया है, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 8 May 2025, 2:34 PM IST
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वाराणसी: भेलूपुर थाना स्थित शिवाला और कमच्छा क्षेत्रों में एक गंभीर समस्या उभरकर सामने आई है, जहां शिवाला के सरकारी भांग के ठेके में से और कमच्छा सरकारी भांग के ठेके के बगल में खुलेआम गाजा बिकता है।
यह स्थिति न केवल युवक-युवतियों के लिए वरन् समाज के सिद्धांतो के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है। पुलिस की उपस्थिति और जिम्मेदारियों के बावजूद यह अवैध कारोबार अपनी धुन में चल रह रहा है।

सरकारी ठेके के बगल में मादक पदार्थ का कारोबार

डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने इस गंभीर मुद्दे का खुलासा किया है। शिवाला का क्षेत्र, जहाँ पर्यटकों की चहल-पहल हमेशा बनी रहती है, अब अवैध स्मैक और गाँजा का अड्डा बन चुका है। सरकारी भांग के ठेके में से दुकानदार खुलेआम गांजा बेच रहा है। यह सब तब सामने आया जब हमारी टीम ने वहाँ जाकर न केवल तस्वीरें रिकॉर्ड कीं, बल्कि विक्रेताओं से बातचीत भी की। एक वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि कैसे एक युवक चुपचाप अपनी जेब से गाँजा की पुड़िया निकालकर ग्राहक को दे रहा है।

पुलिस की उपेक्षा और शहर की छवि का सवाल

भेलूपुर थाना क्षेत्र में पुलिस बूथ से चंद कदम की दूरी पर यह बेच-बाच का कारोबार चल रहा है, जो वाराणसी पुलिस की लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण है। जब इस संबंध में पुलिस से सवाल किया गया, तो उनकी ओर से कोई सटीक उत्तर नहीं मिला। यह चिंताजनक है कि वाराणसी, जिस शहर का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं, वहाँ पुलिस का इस तरह का व्यवहार ना केवल पुलिस की छवि को धूमिल कर रहा है, बल्कि पूरे शहर की प्रतिष्ठा पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

 

गांजा (सोर्स- रिपोर्टर)

गांजा (सोर्स- रिपोर्टर)

 

एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "यहाँ का गाँजा कारोबार बिना सेटिंग के नहीं चल सकता। पुलिस और अन्य कई लोग इस कारोबार में शामिल हैं।" यह उनके शब्दों से स्पष्ट होता है कि एक अवैध नेटवर्क काम कर रहा है, जिसे व्यापक स्तर पर संरक्षण मिल रहा है।

नशे की लत से प्रभावित युवा और महिलाएं

गाँजा बिकने की स्थिति ने युवा वर्ग को बर्बाद कर दिया है। नशे की लत ने ना केवल युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने में असमर्थ किया है, बल्कि कई महिलाएं भी इससे प्रभावित हुई हैं। यह देखा जा रहा है कि युवा वर्ग काम करने या पढ़ाई करने के बजाय इस लत में फंसता जा रहा है।

पुलिस को अवैध नशे की सामग्री पकड़ने के लिए कार्रवाई में कुछ हद तक सक्रियता दिखाई देती है। लेकिन जब पुलिस अवैध सामग्री को पकड़कर एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टेंस) अधिनियम के तहत कार्रवाई करती है, तो वही पुलिस बूथ के पास खुलेआम बिक्री को नियंत्रित करने में असमर्थ है। इससे यह सवाल उठता है कि आखिरकार इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी

यह स्थिति कतई अस्वीकार्य है और वाराणसी पुलिस को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। न केवल स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस अवैध कारोबार को समाप्त करे।

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