

राजधानी लखनऊ के केजीएमयू कॉलेज के पास मौजूद अवैध दुकानों को हटाने पहुंची टीम पर हमला हो गया, जिसके बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
केजीएमयू में डॉक्टर का हंगामा (सोर्स- इंटरनेट)
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजनधानी लखनऊ से एक बड़ी खबर आ रही है, जहां केजीएमयू कॉलेज में फैले अतिक्रमण को हटाने पहुंची टीम पर ही हमला हो गया। इस दौरान कई डॉक्टर घायल हो गए और उसके बाद आसपास अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में इस वक्त बवाल मचा हुआ है। जहां केजीएमयू कॉलेज में मौजूद अवैध दुकानों को हटाने के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम पहुंची, जिसके बाद विरोध कर रहे लोगों ने पथराव बाजी शुरू कर दी। जिसके चलते दो डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गया।
घटना को लेकर केजीएमयू प्रशासन बयान
केजीएमयू प्रशासन के मुताबिक, घटना के दौरान विरोध कर रहे लोगों ने एक डॉक्टर को पकड़ भी लिया था। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस फोर्स मौजूद हैं। हमले के बाद सभी डॉक्टर नाराज हो गए और वह अब हड़ताल पर जाने की बात कर रहे हैं।
ये है पूरा मामला
केजीएमयू कॉलेज में मौजूद नेत्र विभाग के पीछे अवैध तरीके से दवा, पान मसाला व अन्य दुकाने चल रही थी और उसी जगह पर एक मजार भी मौजूद है। कॉलेज के पीछे चल रही अवैध दुकानों को हटाने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने कई बार नोटिस भेजे, लेकिन दुकान नहीं हटे। जिसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया और खुद ही दुकाने हटाने की कोशिश की।
प्रॉक्टोरियल बोर्ड टीम पहुंची अवैध दुकान को हटाने
दुकान हटाने के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड की एक टीम पहुंची, जिसके चलते लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद यह विरोध एक हमले में तब्दील हो गया। मामले को लेकर बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने मजार हटाने का दावा करके मामले को बदल दिया है।
मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स
यह मामला इतना बढ़ गया कि विरोध कर रहे लोग पत्थर फेंकने लगे, जिसकी चपेट रेडियो डायग्नोसिस विभाग के डॉ. दुर्गेश द्विवेदी और डॉ अनित गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं, कई अन्य डॉक्टरों को भी चोट आई है। घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बुलाई गई। घटना को लेकर कहा जा रहा है कि कई जगहों पर अवैध दुकानों के कब्जे हैं। फिलहाल केजीएमयू प्रशासन से जुड़े लोग अवैध दुकानों को हटाने का विचार कर रहे हैं।