

यूपी की राजधानी लखनऊ में प्राइवेट और रोडवेज बसों ने बीबीडी से पॉलिटेक्निक चौराहे तक अवैध बस अड्डा बना है, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी होती है। पूरी खबर के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
लखनऊ में अवैध बस अड्डा,
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है, जिसके चलते आम जनता परेशान होती है। इस जाम का मुख्य कारण प्राइवेट बसों और रोडवेज का अवैध बस अड्डा है, जिसके चलते लोगों को भारी जाम का समाना करना पड़ता है। यह जाम सबसे ज्यादा अधिक ऑफिस टाइम पर होता है। ऐसे में लोगों को जाम से निजात नहीं मिल रहा है। आए दिन वाहनों की लंबी कतारे लग जाती हैं।
घंटो तक खड़ी रहती है बसें
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के चलते आने जाने वाले वाहन घंटों इंतजार करते है। यह जाम तब ज्यादा हो जाता है जब बस अवैध रूप से सड़कों पर खड़ी हो जाती है और सवारी भरने लगती है। चाहे वह प्राइवेट बस हो या रोडवेज, दोनों ही अवैध रूप से घंटों तक खड़ी रहती है और सवारी भरती जाती है, जिसकी वजह से मरीजों को ले जा रही एम्बुलेंस भी जाम में घंटों खड़ी रहती है।
यातायात कानून व्यवस्था पूरी तरह से हुई ध्वस्त
ऐसी हालत देखते हुए लगता है कि यातायात कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। बता दें कि घंटों तक लखनऊ अयोध्या हाईवे के बीचो बीच रोडवेज और प्राइवेट बस चालक खड़े रहते हैं और सवारी का इंतजार करते हैं। वहीं, यातायात कर्मी मस्ती से बैठे रहते है उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। लखनऊ में यातायात व्यवस्था को पूरी तरीके से ध्वस्त कर दिया है।
बागपत में भी है अवैध बस अड्डा
यूपी के लखनऊ के अलावा बागपत में भी अवैध बस अड्डा है, जिसके चलते वहां के निवासी काफी परेशान है। बता दें कि बागपत में नेशनल हाईवे-709बी में रोडवेज और प्राइवेट बसों का अवैध अड्डा बन हुआ है। इस हाईवे में कभी बस तो कभी सवारियों का झुंड हाईवे को पूरी तरह से जाम कर देता है। इस हाईवे में सवारी बस का इंतजार करते हैं जिसके चलते हाईवे में ट्रैफिक जाम लग जाता है।
बस देखते ही सवारियां दौड़ने लगा जाती हैं। हालांकि इससे नारकीय हादसे का डर हमेशा बना रहता है। नेशनल हाईवे से बड़ौत रोडवेज डिपो के अलावा सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, दिल्ली, लोनी समेत दूसरी डिपो के भी यही हाल है। बसें बागपत जिले से होकर गुजरती हैं। बता दें कि यात्री आईएसबीटी तक पहुंचने और 10 रुपये ऑटो का किराया बचाने के लिए अस्थाई बस स्टैंड पर खड़े होकर बसों की राह देखते हैं।