

एटा के जिले के नयागांव थाना क्षेत्र से मानवता को झकझोर देने वाली एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
एटा नयागांव थाना (सोर्स -रिपोर्टर)
एटा: जिले के नयागांव थाना क्षेत्र से मानवता को झकझोर देने वाली एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। गांव दादूपुर असगरपुर निवासी सिद्धा देवी ने अपने पति राजीव और उसकी प्रेमिका गुड़िया पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। सिद्धा देवी का आरोप है कि उसका पति और उसकी प्रेमिका मिलकर उसे और उसकी बेटियों को लगातार परेशान कर रहे हैं।
25 वर्षों का साथ और पाँच बेटियाँ
सिद्धा देवी ने बताया कि उसकी शादी राजीव से करीब 25 साल पहले हुई थी और इस रिश्ते से उनकी पाँच बेटियाँ हैं। बेटियों के जन्म के बाद से ही पति का व्यवहार बदल गया और वह अक्सर उसे ताने देने के साथ मारपीट भी करने लगा। सिद्धा का आरोप है कि बेटियों के कारण उसके पति ने उसे अपमानित करना शुरू कर दिया।
कुछ समय पूर्व राजीव के अवैध संबंध गुड़िया नाम की महिला से बन गए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब राजीव एक साल पहले गुड़िया को अपने घर ले आया और सिद्धा देवी को घर से बाहर निकाल दिया। सिद्धा और उसकी बेटियाँ तब से दर-दर भटक रही हैं और न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं।
दो बार हमला, पुलिस रही निष्क्रिय
पीड़िता ने बताया कि 28 अप्रैल की शाम लगभग 7 बजे, जब वह अपनी बेटी नीतू के साथ घर पर थी, राजीव और गुड़िया वहाँ आए और गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। नीतू जब अपनी मां को बचाने आई तो उसे भी ईंट से घायल कर दिया गया। इस घटना की सूचना 112 नंबर पर दी गई। जिस पर पुलिस मौके पर तो पहुँची, मगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद 13 मई की सुबह करीब 6 बजे फिर से वही घटना दोहराई गई। राजीव और गुड़िया ने एक बार फिर सिद्धा देवी और उसकी बेटी के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। सिद्धा का कहना है कि जब वह थाना नयागांव अपनी शिकायत लेकर पहुँची, तो पुलिस ने उसकी बात सुनने से इनकार कर दिया।
एसएसपी कार्यालय में न्याय की गुहार
पुलिस द्वारा अनसुनी किए जाने के बाद सिद्धा देवी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एटा को प्रार्थना पत्र देकर अपने और अपनी बेटियों के लिए न्याय की मांग की है। सिद्धा का कहना है कि उसे और उसकी बेटियों को सुरक्षा प्रदान की जाए और उसके पति राजीव एवं गुड़िया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
न्याय की आस में पीड़िता
सिद्धा देवी की यह कहानी न केवल पारिवारिक हिंसा की एक दर्दनाक तस्वीर पेश करती है, बल्कि यह भी उजागर करती है कि महिलाओं को न्याय पाने के लिए कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं।