

यूपी के सोनभद्र जिले में तेजी से फैल रहे डायरिया के प्रकोप के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं ने CMO ऑफिस पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
सोनभद्र: जिले में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं और तेजी से फैल रहे डायरिया के प्रकोप के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन किया। काली पट्टी बांधकर सपा कार्यकर्ताओं ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर तीखा हमला बोला।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सपा के जिला सचिव प्रमोद यादव ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर गिरियहवा और मंठहवा जैसे गांवों में डायरिया तेजी से फैल रहा है। इन गांवों में कई लोग बीमार पड़ चुके हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में इलाज की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि मरीजों को मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जिससे गरीब और ग्रामीण वर्ग की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर समय से मौजूद नहीं रहते। दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं नाम मात्र की रह गई हैं। ग्रामीण इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं और स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते ही डायरिया जैसे रोग नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान सपा नेताओं ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं का कहना था कि सरकार केवल कागजों में योजनाएं चला रही है, जबकि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। CMO कार्यालय पर विरोध दर्ज कराने पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि जल्द ही स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो सपा व्यापक आंदोलन करेगी।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए प्रमोद यादव ने कहा, गांवों में डायरिया से लोग बीमार हो रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग आंखें मूंदे बैठा है। डॉक्टर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ड्यूटी नहीं करते, जिससे ग्रामीणों को शहर के प्राइवेट अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है। ये स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है।
सपा के इस प्रदर्शन से प्रशासन में हलचल मच गई। सपा नेताओं ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि 7 दिनों के भीतर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हुआ, तो वे गांव-गांव जाकर जनजागरण अभियान चलाएंगे और आंदोलन को तेज करेंगे।
फिलहाल प्रशासन की ओर से इस प्रदर्शन को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सपा के तेवरों से साफ है कि अब स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राजनीतिक दबाव और तेज होने वाला है। ग्रामीणों की परेशानी को लेकर विपक्ष अब सड़कों पर उतरने के लिए तैयार है।