

उत्तर प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं को बेहतर बनाने के दावे कर रही हो, लेकिन ज़मीनी हकीकत इन दावों को कटघरे में खड़ा कर रही है। मैनपुरी जिले के भोगांव थाना क्षेत्र स्थित जयप्रकाश सर्वोदय आवासीय बालिका विद्यालय में बच्चियों के साथ जो कुछ हुआ, उसने सरकारी व्यवस्थाओं की सच्चाई सामने ला दी है।
बच्चियों को सलाह देते हुए डॉक्टर
Mainpuri: उत्तर प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं को बेहतर बनाने के दावे कर रही हो, लेकिन ज़मीनी हकीकत इन दावों को कटघरे में खड़ा कर रही है। मैनपुरी जिले के भोगांव थाना क्षेत्र स्थित जयप्रकाश सर्वोदय आवासीय बालिका विद्यालय में बच्चियों के साथ जो कुछ हुआ, उसने सरकारी व्यवस्थाओं की सच्चाई सामने ला दी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बुधवार रात विद्यालय में रात्रि भोज के बाद अचानक 28 छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। सभी को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवर में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार दिया गया। हालांकि, छह छात्राओं की हालत ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल मैनपुरी रेफर किया गया। सभी छात्राएं अब खतरे से बाहर बताई जा रही हैं, लेकिन यह घटना कई सवाल खड़े कर रही है।
डॉक्टरों की टीम ने बच्चों का हाल चाल जाना
गुरुवार को जब डाइनामाइट न्यूज़ की टीम मौके पर पहुंची तो विद्यालय की बदहाल स्थिति देख हैरानी हुई। स्कूल परिसर में बिजली की व्यवस्था बेहद खराब पाई गई। जनरेटर होते हुए भी वह चालू हालत में नहीं था, जिससे बिजली जाने पर छात्राओं को अंधेरे में रहना पड़ता है। कई कक्षों में पंखे और बल्ब खराब पाए गए।
विद्यालय की इंचार्ज प्रिंसिपल रागिनी पाल से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि भोजन में गड़बड़ी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता, हालांकि जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा। समाज कल्याण अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
बच्चियों को सलाह देती डॉक्टर (सोर्स डाइनामाइट न्यूज़, रिपोर्टर)
एक छात्रा आराध्या ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में बताया कि रात का खाना खाने के बाद पेट में तेज़ दर्द हुआ और उल्टी शुरू हो गई। कई अन्य बच्चियों की भी यही स्थिति थी। ब्रह्मेश कुमार, संवाददाता डायनामाइट न्यूज़, मैनपुरी ने बताया कि स्कूल में साफ-सफाई, भोजन की गुणवत्ता और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की हालत बेहद खराब है। यह घटना न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि क्या बच्चों की सुरक्षा व स्वास्थ्य को लेकर सरकार की योजनाएं केवल कागज़ों तक सीमित हैं?