

“न्याय की राह चाहे जितनी भी लंबी हो, इंसाफ का पहिया रुकता नहीं।” यह बात आज उस समय चरितार्थ हुई जब गोरखपुर की एडीजे/पीसी-03 कोर्ट ने वर्ष 2018 में हुए एक बहुचर्चित हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
बहुचर्चित हत्याकांड में चार दोषियों को सुनाई सजा
Gorakhpur: “न्याय की राह चाहे जितनी भी लंबी हो, इंसाफ का पहिया रुकता नहीं।” यह बात आज उस समय चरितार्थ हुई जब गोरखपुर की एडीजे/पीसी-03 कोर्ट ने वर्ष 2018 में हुए एक बहुचर्चित हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर 50-50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है। यह फैसला उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष अभियान “ऑपरेशन कनविक्शन” के अंतर्गत हुई प्रभावी पैरवी और पुलिस टीम की सतत मेहनत का नतीजा है।
यह मामला गोरखपुर जिले के पिपराईच थाना क्षेत्र का है, जहां वर्ष 2018 में एक युवक की हत्या के मामले में मुकदमा संख्या 434/2018 दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि अभियुक्तों ने मिलकर जानलेवा हमला किया और साजिशन हत्या को अंजाम दिया। कोर्ट ने चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 34 (सामूहिक आपराधिक मंशा) के तहत दोषी ठहराया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गोरखपुर के कुशल निर्देशन में पिपराईच थाना प्रभारी निरीक्षक सारनाथ सिंह, मॉनिटरिंग सेल, और अन्य पैरोकारों ने इस मामले में गहन जांच की। साथ ही, एडीजीसी हरिनारायण यादव और अभयनंदन त्रिपाठी ने कोर्ट में सशक्त पैरवी कर दोषियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
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यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में अहम साबित हुआ, बल्कि समाज में यह स्पष्ट संदेश भी गया कि अपराध चाहे जितना संगीन हो, कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता। गोरखपुर पुलिस की यह सफलता “ऑपरेशन कनविक्शन” की सार्थकता को दर्शाती है और अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को मजबूती देती है। इस उपलब्धि पर क्षेत्रीय जनता ने पुलिस प्रशासन की सराहना करते हुए न्याय व्यवस्था में विश्वास जताया है।
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