

गोरखपुर में दीपावली के दिन सड़क एक बार फिर लाल हो गई। पीपीगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात भयानक सड़क हादसे में दो बेकसूरों ने अपनी जान गवांई। घटना से इलाके में शोक की लहर है। परिजनों के घर में कोहराम मचा हुआ है।
गोरखपुर में दर्दनाक सड़क हादसा
Gorakhpur: जनपद के पीपीगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार की देर रात लगभग 11 बजे एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तीन वाहनों की आपस में जबरदस्त टक्कर हो गई जिसमे दो युवकों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी और चीख-पुकार मच गई। सड़क पर कराहने की आवाजें गूंज उठीं, जिसे सुनकर आस-पास के लोग घरों से बाहर निकल आए।
मृतक की पहचान कस्बा निवासी आदर्श और मोहन के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार देर रात पीपीगंज कस्बे के पास तेज रफ्तार से आ रही एक कार, बाइक और पिकअप आपस में भिड़ गईं। टक्कर इतनी भीषण थी कि वाहनों के परखच्चे उड़ गए। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसा इतनी तेज आवाज के साथ हुआ कि कुछ देर तक सड़क पर धुआं और चीखें ही गूंजती रहीं। स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी।
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सूचना मिलते ही पीपीगंज थाना प्रभारी दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू कराया। पुलिस ने घायलों को तत्काल एंबुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया, जहां उनका उपचार जारी है। वहीं, कस्बा निवासी आदर्श और मोहन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। दोनों युवकों की मौत की खबर मिलते ही पूरे कस्बे में मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे का कारण ओवरस्पीड और सामने से आ रही गाड़ी को बचाने का प्रयास बताया जा रहा है। टक्कर के बाद वाहन कई मीटर तक घसीटते चले गए। पुलिस ने दोनों मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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पीपीगंज थानाध्यक्ष ने बताया कि हादसे में शामिल वाहनों को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। सड़क हादसे के बाद कुछ समय के लिए यातायात भी बाधित रहा, जिसे पुलिस ने नियंत्रित किया।
पुलिस ने बताया कि दोनों मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस हादसे की जांच कर रही है।
इस दर्दनाक घटना ने दीपावली के बाद खुशियों में डूबी पीपीगंज की फिज़ा को शोक में बदल दिया। कस्बे के लोग अब भी स्तब्ध हैं कि एक पल में दो युवाओं की जिंदगी मौत में कैसे बदल गई। हर आंख नम है, और हर जुबान पर बस यही सवाल — “आख़िर कब थमेगी यह रफ्तार की लापरवाही?”