Gorakhpur News: चचाईराम मठ में सर्वरकार विवाद, ग्रामीणों में चिंता

नवसृजित नगर पंचायत उरुवा के राजस्व ग्राम चचाईराम में स्थित प्राचीन मठ चचाईराम इन दिनों भीषण विवाद की चपेट में है। श्री ठाकुर महाराज के पवित्र धाम पर सर्वरकार (प्रबंधक) पद को लेकर उठा विवाद लगातार तीखा होता जा रहा है।

Gorakhpur: नवसृजित नगर पंचायत उरुवा के राजस्व ग्राम चचाईराम में स्थित प्राचीन मठ चचाईराम इन दिनों भीषण विवाद की चपेट में है। श्री ठाकुर महाराज के पवित्र धाम पर सर्वरकार (प्रबंधक) पद को लेकर उठा विवाद लगातार तीखा होता जा रहा है। स्थानीय लोगों में यह आशंका गहराती जा रही है कि विवाद की आड़ में मठ की कीमती चल-अचल संपत्तियों पर अवैध कब्ज़े और निर्माण की कोशिशें तेज हो सकती हैं।

क्या है पूरा मामला 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मठ चचाईराम में महंथी और प्रबंधन को लेकर वर्ष 1980 से कानूनी विवाद चल रहा था। लम्बी सुनवाई के बाद माननीय सिविल जज, गोरखपुर ने 17 मार्च 1986 को निर्णय देते हुए श्री पंचानन पुरी को मठ की सभी संपत्तियों और व्यवस्थाओं की देखरेख हेतु सर्वरकार नियुक्त किया था। उनकी देखरेख में बीते चार दशकों से मठ के समस्त कार्य सुचारू रूप से संचालित हो रहे थे।

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लेकिन इसी माह 16 नवंबर 2025 को पंचानन पुरी के अचानक निधन ने मठ प्रबंधन में गहरा शून्य पैदा कर दिया। उनके देहांत के बाद से ही विवाद ने तूल पकड़ लिया है। ग्रामीणों के अनुसार कुछ लोग अवसर का लाभ उठाते हुए खुद को सर्वरकार या दावेदार बताकर मठ में पूजा-पाठ और अन्य हस्तक्षेप शुरू कर चुके हैं। इससे क्षेत्र में अविश्वास और तनाव का माहौल तेजी से बढ़ रहा है।

स्थानीय श्रद्धालुओं और ग्रामीणों का आरोप है कि कई लोगों की नजर मठ की बहुमूल्य संपत्तियों पर है और वे कब्ज़ा जमाने तथा स्थायी निर्माण कराने की फिराक में हैं। उनका कहना है कि यदि तत्काल प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया तो मठ की जमीन पर अवैध कब्ज़ा, निर्माण और बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा हो सकता है, जिससे धार्मिक वातावरण व सामाजिक शांति खतरे में पड़ जाएगी।

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इसी खतरे को देखते हुए ग्रामीणों, श्रद्धालुओं और प्रार्थी पक्ष की ओर से स्पष्ट मांग उठाई गई है कि सर्वरकार पंचानन पुरी के निधन के बाद पैदा हुई प्रबंधन शून्यता और न्यायालयीय आदेशों के मद्देनज़र, किसी सक्षम प्रशासनिक अधिकारी (एसडीएम/तहसीलदार) को तत्काल मठ चचाईराम की संपत्तियों का रिसीवर नियुक्त किया जाए।

लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन किसी जिम्मेदार अधिकारी को रिसीवर बना दे तो न सिर्फ मठ की संपत्तियां सुरक्षित रहेंगी, बल्कि अवैध कब्ज़ा, निर्माण और भविष्य के संभावित बड़े विवादों पर भी प्रभावी रोक लग सकेगी।

स्थानीय ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने उत्तर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग करते हुए मठ चचाईराम की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को तत्काल सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगाई है।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 25 November 2025, 9:18 PM IST