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महिला सुरक्षा और पुलिस विभाग की अनुशासन व्यवस्था को लेकर एडीजी गोरखपुर जोन मुथा अशोक जैन ने एक बेहतरीन और कठोर उदाहरण पेश किया है। होली खेल के दौरान ड्यूटी पर तैनात महिला आरक्षी के साथ जबरन रंग लगाने, अभद्रता और अनुचित व्यवहार करने वाले तीन पुलिसकर्मियों को दोषी पाते हुए एडीजी ने न सिर्फ तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए…
महिला आरक्षी से जबरन रंग लगाने की कोशिश का मामला
गोरखपुर: महिला सुरक्षा और पुलिस विभाग की अनुशासन व्यवस्था को लेकर एडीजी गोरखपुर जोन मुथा अशोक जैन ने एक बेहतरीन और कठोर उदाहरण पेश किया है। होली खेल के दौरान ड्यूटी पर तैनात महिला आरक्षी के साथ जबरन रंग लगाने, अभद्रता और अनुचित व्यवहार करने वाले तीन पुलिसकर्मियों को दोषी पाते हुए एडीजी ने न सिर्फ तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए, बल्कि विभाग में स्पष्ट संदेश भी दे दिया—“महिला सुरक्षा सर्वोच्च, और कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं।”
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, घटना थाना परिसर की है, जहां महिला आरक्षी पूजा अवस्थी अपनी ड्यूटी पर मौजूद थीं। इसी दौरान मुख्य आरक्षी अमित कुमार, आरक्षी पन्नेलाल और आरक्षी शैलेंद्र कुमार ने मना करने के बावजूद उनके साथ जबरन रंग लगाने की कोशिश की। विरोध करने पर भी तीनों पुलिसकर्मियों ने मर्यादा और विभागीय अनुशासन का खुला उल्लंघन किया। यह सिर्फ एक महिला आरक्षी के सम्मान से खिलवाड़ नहीं था, बल्कि वर्दी में रहते हुए कर्तव्य की गरिमा पर भी गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।
संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल दंडात्मक कार्रवाई
शिकायत मिलते ही एडीजी मुथा अशोक जैन ने विशेष गंभीरता दिखाते हुए प्रकरण को विशाखा कमेटी को सौंपा। कमेटी ने महिला आरक्षी का बयान, प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी और तकनीकी साक्ष्यों की विस्तृत जांच की। जांच में सभी तीनों आरोपित पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। रिपोर्ट मिलते ही एडीजी ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल दंडात्मक कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया।
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विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ
एडीजी के निर्देश पर तीनों पुलिसकर्मियों के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर धारा 14(1) के तहत विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। यह कदम विभाग की Zero Tolerance Policy की स्पष्ट झलक देता है, खासकर महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों में।
महिला पुलिसकर्मियों की गरिमा और सुरक्षा
एडीजी मुथा अशोक जैन ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि महिला पुलिसकर्मियों की गरिमा और सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, “वर्दी किसी को अधिकार नहीं देती कि वह किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाए। ऐसे किसी भी कृत्य को कठोर दंड दिया जाएगा।”
इस कार्रवाई के बाद पूरे पुलिस महकमे में संदेश साफ है-अनुशासनहीनता, अभद्रता और महिला सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले किसी भी कर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। यह फैसला न केवल महिला पुलिसकर्मियों के मनोबल को मजबूत करता है, बल्कि पूरे विभाग को मर्यादा और जिम्मेदारी का कठोरता से पालन करने की चेतावनी भी देता है।