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विकास की योजनाओं की घोषणाओं के बीच जमीनी हकीकत कभी-कभी ऐसे हादसों के रूप में सामने आती है, जो प्रशासनिक व्यवस्था और जिम्मेदारों की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। शनिवार देर रात बड़हलगंज-गोला-बरहलगंज रामजानकी मार्ग पर निर्माणाधीन पुलिया के गहरे गड्ढे में एक मारुति वैन जा गिरी।
गहरे गड्ढे में एक मारुति वैन जा गिरी
Gorakhpur: विकास की योजनाओं की घोषणाओं के बीच जमीनी हकीकत कभी-कभी ऐसे हादसों के रूप में सामने आती है, जो प्रशासनिक व्यवस्था और जिम्मेदारों की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। शनिवार देर रात बड़हलगंज-गोला-बरहलगंज रामजानकी मार्ग पर निर्माणाधीन पुलिया के गहरे गड्ढे में एक मारुति वैन जा गिरी। इस हादसे में चालक गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी जान खतरे में है।
जानकारी के मुताबिक, शिवपुर गांव के पास रामजानकी चौड़ीकरण परियोजना के तहत नाला और पुलिया निर्माण कार्य चल रहा था। सड़क के बीचोंबीच गहरी खुदाई की गई थी, लेकिन सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं किए गए थे। न तो बैरिकेडिंग थी, न रिफ्लेक्टर, चेतावनी बोर्ड या ब्लिंक लाइट। वाहनों के लिए सड़क किनारे एक संकरी कच्ची राह बनाई गई थी, जो रात और बरसात के दिनों में बेहद जोखिम भरी साबित होती है।
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दुर्घटना का शिकार 35 वर्षीय पूरन साहनी, दोहरीघाट कस्बे का निवासी हुआ। वह शनिवार शाम बड़हलगंज से सिकरीगंज जा रहा था। गजहड़ा निवासी अनिल यादव उनके साथ थे, लेकिन गोला कस्बे के चंद चौराहे पर उतरने के बाद पूरन अकेले यात्रा कर रहे थे। निर्माणाधीन पुलिया के पास अंधेरे में वैन अनियंत्रित हो गई और सीधे गहरे गड्ढे में जा गिरी। वाहन के एयरबैग खुल गए और वैन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। ग्रामीणों ने चालक को तुरंत बाहर निकाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गोला पहुंचाया। नाजुक हालत के कारण डॉक्टरों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह हादसा लापरवाह निर्माण व्यवस्था और असुरक्षित कार्य शैली का परिणाम है। सड़क पर बैरिकेडिंग, रात में चेतावनी लाइट और वैकल्पिक यातायात व्यवस्था नहीं थी। ठेकेदार और संबंधित विभाग केवल काम पूरा दिखाने में जुटे हैं, लेकिन जनता की सुरक्षा की अनदेखी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि सुरक्षा इंतजाम नहीं बढ़ाए गए तो वे प्रदर्शन और चक्का जाम कर सकते हैं।
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निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा उपकरण और संकेत व्यवस्था का अभाव सरकारी मानकों का उल्लंघन है। यह घटना प्रशासन और ठेकेदारों की संवेदनहीनता को उजागर करती है। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।