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गोरखपुर की खजनी तहसील में कड़ाके की ठंड के बीच सरकारी अलाव व्यवस्था पूरी तरह विफल साबित हुई है। प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर अलाव नहीं होने से लोग ठिठुरते हुए नजर आए। स्थानीय निवासी और व्यापारी प्रशासन की नाकाफी तैयारियों पर नाराज हैं।
प्रमुख चौराहों पर अलाव की कोई सुविधा नहीं
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के खजनी तहसील में कड़ाके की ठंड ने आम जनता, राहगीरों और छोटे व्यापारियों की जिंदगी मुहाल कर दी है। जबकि सरकार ने अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं, वास्तविकता में यह व्यवस्था केवल कागजों तक सीमित साबित हो रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, खजनी तहसील में स्टेट बैंक तिराहा, प्रमुख चौराहे और कस्बों पर लोगों को ठंड से बचाने के लिए अलाव लगाने का आदेश शासन स्तर से दिया गया था। लेकिन मौके पर न तो जलता हुआ अलाव नजर आया और न ही प्रशासन ने कोई ठोस तैयारी की है। इससे स्थानीय लोग और व्यापारियों में गहरी नाराजगी है।
स्थानीय निवासी संजय त्रिपाठी ने कहा, “पूरा ठंड का मौसम गुजर रहा है और कहीं भी अलाव की कोई व्यवस्था दिखाई नहीं दी।” वहीं रुदपुर निवासी राकेश तिवारी ने कहा, “अलाव सिर्फ फाइलों में जल रहे हैं, जमीन पर कुछ नहीं दिखता।”
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व्यापारी मिंटू दुबे ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि तहसील स्तर पर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन आम आदमी को ठंड से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र व्यवस्था नहीं की गई तो यह लापरवाही गंभीर समस्या में बदल सकती है।
जब डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया, तो प्रशासन के दावे खोखले साबित हुए। एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने मीडिया को बताया कि अलाव जल रहे हैं, लेकिन असलियत में लोग खुले में ठिठुरते हुए नजर आए।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही बुजुर्गों और गरीबों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकती है। खजनी तहसील की जलवायु और बुनियादी ढांचे को देखते हुए, अलाव और ठंड से बचाव के लिए त्वरित कार्रवाई अनिवार्य है। ऐसे में अगर ठंड के मौसम में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो गंभीर परिस्थितियों में लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है।