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गोरखपुर में डीएम दीपक मीणा ने खजनी तहसील का अचानक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रशासनिक लापरवाही, गंदगी और लंबित फाइलों पर नाराजगी जताई। अधिकारियों को तुरंत सुधार और जवाबदेही के निर्देश दिए गए।
डीएम दीपक मीणा का खजनी तहसील में अचानक निरीक्षण
Gorakhpur: जिले के दक्षिणांचल क्षेत्र की खजनी तहसील में रविवार को जिलाधिकारी दीपक मीणा ने अचानक औचक निरीक्षण किया। डीएम का यह निरीक्षण बिना किसी पूर्व सूचना के हुआ, जिससे तहसील प्रशासन में खलबली मच गई। जिलाधिकारी ने तहसील परिसर में प्रवेश करते ही कार्यालयों की दशा, सफाई व्यवस्था और नवनिर्मित लेखपाल आवास का निरीक्षण किया।
डीएम ने तहसील भवन, एसडीएम कोर्ट, तहसीलदार कोर्ट, रिकार्ड रूम, लेखपाल कक्ष और परिसर के अन्य हिस्सों का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें गंदगी और अव्यवस्था नजर आई, जिससे वे काफी नाराज हुए। जिलाधिकारी ने एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह और तहसीलदार ध्रुवेश सिंह से साफ-सफाई और व्यवस्था को लेकर सवाल-जवाब किए और तत्काल सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तहसील जनता के लिए है और इसे स्वच्छ तथा व्यवस्थित बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
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डीएम ने नवनिर्मित लेखपाल आवासीय भवन का निरीक्षण किया, जहाँ कई निर्माण संबंधी खामियां पाई गईं। उन्होंने सीएनडीएस विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी और संबंधित संस्था को चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता पर असंतोष जताया और सुधार के स्पष्ट निर्देश दिए।
तहसील परिसर में स्थित अधिवक्ता भवन की दुर्दशा देखकर डीएम नाराज हुए। झाड़-झंखाड़ और जर्जर स्थिति के कारण उन्होंने भवन की तुरंत मरम्मत और रखरखाव कराने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए बने भवन का प्रयोग सुचारू रूप से होना चाहिए और इसकी देखभाल प्रशासन की जिम्मेदारी है।
डीएम सीधे एसडीएम कोर्ट पहुंचे और लंबित फाइलों का निरीक्षण किया। फाइलों के ढेर देखकर वे भड़क उठे और एसडीएम से पूछा कि इतने मामलों का निस्तारण क्यों नहीं हुआ। उन्हें आंशिक चेतावनी दी गई और निर्देशित किया गया कि सभी लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इसके बाद तहसीलदार कोर्ट का भी निरीक्षण किया गया, जहाँ प्रशासनिक लापरवाहियों और विलंब के मामले सामने आए।
निरीक्षण के दौरान एडीएम प्रशासन सत्यदेव मिश्रा, एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह, तहसीलदार ध्रुवेश सिंह सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद थे। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि तहसील में स्वच्छता, रिकॉर्ड प्रबंधन, भवनों की मरम्मत और जनता से जुड़ी सेवाओं की गति में तुरंत सुधार किया जाए।
करीब दो घंटे तक चले औचक निरीक्षण में डीएम ने एक-एक कोर्ट, कक्ष और परिसर के हिस्से का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हर सप्ताह तहसीलों की कार्यप्रणाली की समीक्षा होगी और जो अधिकारी लापरवाही करेंगे, उन पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।