

गोरखपुर के थाना गोरखनाथ क्षेत्र में 2021 में हुई हत्या के सनसनीखेज मामले में आरोपी विपिन सोनकर को आजीवन कारावास और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह फैसला ऑपरेशन कनविक्शन के तहत गोरखपुर पुलिस की मजबूत पैरवी का परिणाम है। पुलिस, अभियोजन पक्ष और न्यायालय की संयुक्त कार्रवाई से आरोपी को सजा दिलवाकर कानून-व्यवस्था की दृढ़ता का संदेश दिया गया है।
गोरखपुर कोर्ट
Gorakhpur News: गोरखपुर जनपद के थाना गोरखनाथ क्षेत्र में वर्ष 2021 में एक सनसनीखेज हत्या के मामले में मंगलवार को न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश (ASJ/PC-04) जनपद गोरखपुर ने आरोपी विपिन सोनकर उर्फ डब्लू को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
“ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत एक्शन
इस मामले में दोष सिद्ध होने और कठोर सजा सुनाए जाने को उत्तर प्रदेश पुलिस के “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान की बड़ी सफलता माना जा रहा है। पुलिस महानिदेशक द्वारा संचालित इस विशेष अभियान के तहत गंभीर अपराधों में आरोपियों को शीघ्र सजा दिलवाने के लिए पुलिस और अभियोजन पक्ष ने मिलकर प्रभावी कार्यवाही की है।
क्या था पूरा मामला?
आरोपी विपिन सोनकर उर्फ डब्लू के खिलाफ हत्या का गंभीर आरोप था। घटना के बाद पुलिस द्वारा तफ्तीश शुरू की गई। गवाहों, साक्ष्यों और अन्य कानूनी पहलुओं पर विस्तार से जांच की गई। इस केस में सुनवाई लंबी चली, लेकिन पुलिस की मजबूत पैरवी और न्यायिक प्रक्रिया की तत्परता से अंत में आरोपी को सजा सुनाई गई।
गोरखपुर पुलिस की बड़ी कामयाबी
इस केस में गोरखपुर पुलिस की मॉनिटरिंग सेल, विवेचक निरीक्षक मनोज कुमार सिंह और थाना गोरखनाथ के पैरोकारों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के नेतृत्व में केस की मॉनिटरिंग की गई और हर स्तर पर इसे प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया गया।
प्रभावी पैरवी ने दिलाई सफलता
अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त जिला सरकारी अधिवक्ता (ADGC) अतुल कुमार शुक्ल और धर्मेंद्र कुमार दूबे ने बेहतरीन पैरवी की। दोनों अधिवक्ताओं ने केस की जटिलताओं को न्यायालय के समक्ष इस प्रकार प्रस्तुत किया कि न्यायालय को अभियुक्त के दोषी होने में कोई संदेह नहीं रहा।
ऑपरेशन कनविक्शन
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाया जा रहा “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान गंभीर अपराधों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के अंतर्गत गोरखपुर पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता और तत्परता का प्रतीक बन गई है।