गोला नगर पंचायत की खुली पोल: सरकारी खेलकूद मैदान बना कूड़ा गोदाम, जिम्मेदार खामोश

गोरखपुर के गोला बाजार में स्थित वीएसएवी इंटर कॉलेज के सामने का खेलकूद मैदान अब अपनी दुर्दशा पर रो रहा है। अतिक्रमण, अवैध गतिविधियां और प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह मैदान अब न केवल खेलकूद के लिए अनुपयुक्त हो चुका है, बल्कि लोगों के लिए स्वास्थ्य और मनोरंजन का भी खतरा बन गया है।

Gorakhpur: नगर पंचायत गोला के वार्ड नंबर दस में स्थित वीएसएवी इंटर कॉलेज के सामने, सरकारी अभिलेख में दर्ज प्रमुख खेलकूद मैदान आज अपनी दुर्दशा पर घड़ियाली आंसू बहा रहा है। कभी राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं, क्रिकेट-फुटबॉल मैचों, राजनीतिक सभाओं और बच्चों के खेल-कूद का केंद्र बना यह मैदान आज पशु बाजार, अवैध वाहन पड़ाव स्थल, गिट्टी बालू गोदाम और कूड़ा-करकट का ढेर बन चुका है। गड्ढे और जल जमाव से भरा यह मैदान अब न तो खेलकूद के लिए सुरक्षित है, न ही लोगों के स्वास्थ्य और मनोरंजन का केंद्र।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, क्षेत्रवासियों का रोष है कि पिछले वर्षों में प्रशासनिक उदासीनता और दोषपूर्ण नियोजन के चलते यह महत्वपूर्ण खेलकूद स्थल पूरी तरह उपेक्षित हो चुका है। स्थानीय लोगों की माने तो यहां अवैध अतिक्रमण भी खुलेआम जारी है। मैदान में बने अस्थायी हेलिपैड का खड़ंजा आज भी अनसुलझा पड़ा है, जिससे खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा बना हुआ है। वहीं, मैदान के सामने की सड़क पटरियों पर भी अतिक्रमण किया जा चुका है, जिससे आमजन का आवागमन भी बाधित हो रहा है।

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ढाई लाख रुपये में भी नहीं दिखा असर

तेजबहादुर चंद, पूर्व ग्राम प्रधान अतरौरा ने बताया कि वर्ष 2019-20 में राज्य वित्त व मनरेगा के सहयोग से लोहे की ग्रील, गेट और समतलीकरण के जरिए सुंदरीकरण कराया गया था। उस समय लगभग ढाई लाख रुपये खर्च हुए थे। परंतु नगर पंचायत में शामिल होते ही देखरेख का जिम्मा प्रशासन पर आ गया, लेकिन आज तक इन निवेशों का उचित रख-रखाव नहीं हुआ।

क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी?

नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी वैभव चौधरी ने दूरभाष पर बताया, “मैं खेलकूद मैदान का निरीक्षण करूंगा। सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजकर विधिक कार्यवाही के माध्यम से मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।” वहीं एसडीएम गोला, अमित कुमार जायसवाल ने कहा, “खेलकूद मैदान की दुर्दशा की जानकारी मुझे नहीं थी। मैं स्वयं निरीक्षण करूंगा। जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा कि मैदान की सुरक्षा व संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। अतिक्रमण मिलने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।”

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खेल प्रेमी और स्थानीय जनता ने शासन व प्रशासन से यह मांग उठाई है कि इस सरकारी खेलकूद मैदान को मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित कर, सुंदरीकरण, उचित रखरखाव और अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह खेल मैदान पूरी तरह से अस्तित्वहीन हो जाएगा।

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