30 साल से फरार खालिस्तानी आतंकवादी को गाजियाबाद पुलिस ने दबोचा, नाम सुनकर कांप उठते हैं लोग

गाजियाबाद पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। आतंकवादी मंगल सिंह उर्फ मंगा को पुलिस ने 30 सालों बाद गिरफ्तार किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज खास रिपोर्ट

Updated : 24 April 2025, 3:20 PM IST
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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए आतंकवादी मंगल सिंह उर्फ मंगा को गिरफ्तार किया है। मंगा पिछले 30 सालों से फरार था। उसको बुधवार रात (23 अप्रैल 2025) गाजियाबाद के कविनगर स्थित विवेकानंद नगर इलाके से पकड़ा गया।

डाइनामाइट न्यूज के संवाददाता के मुताबिक, मंगा पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था और वह आतंकवादी संगठन खालिस्तानी कमांडो फोर्स (KCF) का सदस्य था। मंगा का नाम पिछले तीन दशकों से सुरक्षा एजेंसियों की सूची में शामिल था। उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप थे। गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मंगा 1993 में आतंकवादियों के एक नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। उसे उस समय गिरफ्तार किया गया था, लेकिन दो साल बाद उसे जमानत मिल गई थी।

मंगा के अंडरग्राउंड होने की कहानी

जमानत मिलने के बाद मंगा अंडरग्राउंड हो गया था। तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इसके बाद वह लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा और गाजियाबाद के कविनगर स्थित विवेकानंद नगर में लगभग एक दशक से छिपकर रह रहा था। मंगा के बारे में सूचना मिलने के बाद ATS और गाजियाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया था।

पुलिस टीम को शक

पुलिस का कहना है कि मंगा का यह छिपना इस बात को दर्शाता है कि वह अब भी खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय था और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा खतरा था। गिरफ्तारी के बाद मंगा से पूछताछ की जा रही है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि वह इस दौरान कई और आतंकवादी नेटवर्कों से जुड़ा हो सकता है।

पंजाब से गाजियाबाद तक का सफर

मंगा मूल रूप से पंजाब के अमृतसर जिले के टिममोवाल खिलचिया गांव का निवासी है। उसके खिलाफ गाजियाबाद के साहिबाबाद थाने में टाडा (संकटग्रस्त क्षेत्र) के तहत मुकदमा दर्ज था। यही मामला था, जिसमें उसे 1993 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। मंगा का भाई संगत सिंह खालिस्तानी कमांडो फोर्स का प्रमुख था। वर्ष 1990 में पंजाब पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में मारा गया था। संगत सिंह की मौत के बाद मंगा और उसके अन्य सहयोगियों ने छिपकर और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई स्थानों पर काम करना शुरू कर दिया था। मंगा के पकड़े जाने से आतंकवादी संगठन KCF को एक बड़ा धक्का लगा है।

एक बड़ी कामयाबी

आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) और गाजियाबाद पुलिस की संयुक्त टीम के अधिकारी इस गिरफ्तारी को एक बड़ी सफलता मानते हैं। ATS के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह गिरफ्तारी हमारे लिए बड़ी कामयाबी है। मंगा लंबे समय से फरार था और उसकी गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि हम किसी भी हालत में आतंकवादियों को उनके किए की सजा दिलवाएंगे।"

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