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बलिया में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। 10 से अधिक गांवों में पानी घुस चुका है। मकान ढह गए, खेत डूबे और लोग पलायन कर रहे हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
बलिया में बढ़ा बाढ़ का खतरा (IMG- Internet)
Ballia: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में गंगा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह 59.10 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के बिंदु 57.615 मीटर से काफी ऊपर है। बलिया के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
तेजी से बढ़ता जलस्तर, प्रशासन अलर्ट मोड में
31 जुलाई को धौलपुर (राजस्थान) से चंबल नदी में 16 लाख क्यूसेक तथा माताटीला डैम से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंगा नदी का जलस्तर अचानक तेज़ी से बढ़ा है। बाढ़ विभाग के अनुसार, गंगा का जलस्तर उच्चतम 60.39 मीटर तक पहुंच सकता है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
गायघाट गेज पर जलस्तर 59.10 मीटर को पार कर गया है और नदी में निरंतर बढ़ाव जारी है। बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता द्वारा तटवर्ती गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की एडवाइजरी जारी की गई है।
गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, नावों से हो रहा आवागमन
गंगा का बाढ़ का पानी दूबे छपरा, उदई छपरा, गोपालपुर, केहरपुर और चक्की नौरंगा सहित 10 से अधिक गांवों में घुस चुका है। लोग नावों के सहारे घर छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। बाढ़ की विभीषिका के कारण हजारों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
गायघाट गेज पर गंगा का जलस्तर 59.10 मीटर (IMG- Internet)
चक्की नौरंगा में सबसे ज्यादा तबाही, मकान और खेत लील गई गंगा
गंगा नदी का सबसे अधिक प्रकोप चक्की नौरंगा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। यहां नदी अब तक एक दर्जन से अधिक पक्के मकानों को निगल चुकी है। हजारों एकड़ कृषि भूमि भी जलमग्न हो चुकी है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
शहरी इलाके भी चपेट में, घरों में घुसा पानी
बलिया शहर के निहोरा नगर, कृष्णा नगर, गायत्री कॉलोनी और बेदुआ जैसे निचले इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे शहरी क्षेत्र के निवासी भी बुरी तरह प्रभावित हैं। बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं ठप पड़ गई हैं।
बचाव कार्य शुरू, एनडीआरएफ तैनात
जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए एनडीआरएफ, बाढ़ चौकियों, मानव चिकित्सकों और पशु चिकित्सकों की टीमों को तैनात कर दिया है। नावों और राहत सामग्रियों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।